करतारपुर कॉरिडोर: पाकिस्तान की नापाक चाल

Last Updated 15 Mar 2019 04:28:31 PM IST

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान का दोहरा रवैया सामने आया है। बुधवार की मीटिंग में पाकिस्तान ने कई बातें नहीं मानीं, सिर्फ दो साल के लिये रास्ता खोलने की सहमति दी।


करतारपुर साहिब (फाइल फोटो)

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़ करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत का जो डेलिगेशन बुधवार को मीटिंग के लिए गया था उसने पाकिस्तान के सामने अपने श्रद्धालुओं को लेकर कई महत्त्वपूर्ण मांग रखी थीं लेकिन पाकिस्तान ने उसकी मांगें नहीं मानी।

भारत ने कहा था कि 5000 यात्री रोजाना करतारपुर साहिब के दर्शन करें और किसी ख़ास दिन बैसाखी, गुरुपूर्णिमा के समय 15000 यात्री प्रतिदिन दर्शन करें। लेकिन पाकिस्तान ने इस मांग को मीटिंग के दौरान नकार दिया। पाकिस्तान ने कहा कि रोजाना सिर्फ 500 से 700 श्रद्धालु दर्शन करेंगे। ये भारत के हिसाब से बहुत कम है।

भारत ने मांग की थी कि सभी भारतीय नागरिक और ओसीआई कार्ड धारक करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएं पर पाकिस्तान ने कहा कि केवल भारतीय सिख ही वहां पर दर्शन करने जाएंगे।

भारत ने पाकिस्तान से कहा कि एक परिवार या फिर एक ग्रुप चाहे जितनी संख्या का हो उसको करतारपुर के दर्शन करने के लिए पाकिस्तान इजाजत दे। लेकिन पाकिस्तान ने यहां भी भारत की बात नहीं मानी और कहा कि सिर्फ 15 श्रद्धालुओं का ग्रुप ही एक बार में भारत से दर्शन करने जा सकता है। भारत ने इसको लेकर ऐतराज जताया है।

सूत्रों की मानें तो भारत ने कहा कि कोई व्यक्ति चाहे गाड़ी से जाए या फिर पैदल दर्शन करने जाना चाहता है वो जा सकता है ये उसकी इच्छा के अनुसार होना चाहिए। लेकिन पाकिस्तान ने यहां भी अपनी मनमानी चलाते हुए कहा कि बॉर्डर के पार कोई पैदल दर्शन करने नहीं जा सकता है। दर्शन करने वाला श्रद्धालु सिर्फ और सिर्फ 15 लोगों के जत्थे में गाड़ी से ही जा सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि करतारपुर साहिब को महाराजा रणजीत सिंह और कुछ श्रद्धालुओं ने मिलकर 100 एकड़ जमीन दान में दी थी। पाकिस्तान इस भूमि का इस्तेमाल अपने लिए कर रहा है।

भारत ने कहा की 100 एकड़ जमीन करतारपुर साहिब ट्रस्ट में रखी जाए। पाकिस्तान ने इस बात को भी अपनी मीटिंग के दौरान अस्वीकार कर दिया।

सरकार ने भारतीय के लिये किसी भी पहचान पत्र को स्वीकृति प्रदान करने की मांग की लेकिन पाकिस्तान ने वीजा अनिवार्य करने की बात कही। वहीं पाकिस्तान ने दर्शन के लिये सप्ताह में सिर्फ दो या तीन दिन ही खोले जाने की बात कही, जबकि भारत की मांग थी कि इसे सभी दिन खोला जाये।

1974 के सहमति पत्र के मुताबिक़ पाकिस्तान में 15 ऐसे दर्शनीय स्थल हैं जहां लोग जा सकते हैं। भारत में सात स्थान हैं लेकिन करतारपुर उसमें शामिल नहीं है। भारत अब करतारपुर को भी शामिल करना चाहता है।

सुमन कुमार
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment