कन्हैया और अन्य के खिलाफ देशद्रोह के आरोप अनर्गल : चिदंबरम

Last Updated 14 Jan 2019 09:23:40 PM IST

जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि इस मामले में देशद्रोह का आरोप ‘अनर्गल’ है।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम

देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि इस मामले में देशद्रोह का आरोप ‘अनर्गल’ है तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह संबंधित) पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।

पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह का आरोप अनर्गल है। देशद्रोह का आरोप लगाने के लिए 1200 पृष्ठों का आरोपपत्र तैयार हुआ और इसमें तीन साल लगे। सिर्फ इसी से सरकार की मंशा का पता चल जाता है।’’    

उन्होंने कहा, ‘‘जांच दल में कितने लोगों ने आईपीसी की धारा 124ए पढी और समझी है? एक लोकतांत्रिक गणराज्य में इस तरह के प्रावधान पर गंभीर विमर्श होना चाहिए।’’  

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया था।    

पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था।            

यह कार्यक्रम संसद हमला मामले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू की फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था।  

   

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने के लिए सजा), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के तौर पर इस्तेमाल करना), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होना), 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

भाषा
नयी दिल्ली


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