अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली याचिका पहले से लंबित याचिका से संलग्न

Last Updated 14 Jan 2019 08:26:20 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के बारे में कानून बनाने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका सोमवार को पहले से ही लंबित एक अन्य याचिका के साथ संलग्न कर दी।


उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने और इस राज्य के बारे में कानून बनाने के संसद के अधिकार को सीमित करने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका सोमवार को पहले से ही लंबित एक अन्य याचिका के साथ संलग्न कर दी।     

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि भाजपा नेता और अधिवक्ता अिनी उपाध्याय की जनहित याचिका पहले से ही लंबित एक अन्य याचिका के साथ दो अप्रैल को सूचीबद्ध होगी।     

इस याचिका में कहा गया है कि यह विशेष प्रावधान संविधान तैयार करते समय अस्थाई रूप से और 26 जनवरी 1957 को जम्मू कश्मीर की संविधान सभा भंग होने के साथ ही समाप्त हो गया था।      

अनुच्छेद 370 की संवैधानिकता को चुनौती देते हुये इसी तरह की एक अन्य याचिका कुमारी विजयलक्ष्मी झा ने दायर कर रखी है।     

उपाध्याय ने अपनी याचिका में विभिन्न आधारों पर जम्मू कश्मीर के लिये अलग से संविधान को ‘‘मनमाना’’ और ‘‘असंवैधानिक’’ घोषित करने का अनुरोध किया है। यह भारत के संविधान की श्रेष्ठता और एक संविधान, एक राष्ट्रगान तथा एक राष्ट्रीय ध्वज के सिद्धांत के खिलाफ है।

   

याचिका में दावा किया गया है कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व सिर्फ संविधान सभा के कार्यकाल तक -26 जनवरी, 1957 ही था और उस दिन देश के संविधान को अपनाया गया था।

भाषा
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment