गुजरात आर्थिक आरक्षण लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना
भाजपा नीत गुजरात सरकार ने सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण सोमवार को लागू किया।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (फाइल फोटो) |
इसके साथ ही गुजरात इस नए प्रावधान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
संसद ने 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को इसे मंजूरी दे दी थी।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को घोषणा की थी कि उनकी सरकार 14 जनवरी से आरक्षण प्रावधान लागू करेगी।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि गुजरात सरकार ने 14 जनवरी 2019 से 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण लाभ लागू करने का फैसला किया है। इसे उन सभी जारी भर्ती प्रक्रियाओं में लागू किया जाएगा जिनमें फिलहाल केवल विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं और परीक्षा का पहला चरण अभी होना शेष है।’’
राज्य सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा था, ‘‘14 जनवरी को उत्तरायण शुरू होने के साथ सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।’’
इसमें कहा गया था कि आरक्षण की नयी व्यवस्था उन दाखिलों और नौकरियों के लिये भी प्रभावी होगी जिनके लिये विज्ञापन 14 जनवरी से पहले जारी हुआ हो लेकिन वास्तविक प्रक्रिया शुरू न हुई हो। ऐसे मामलों में दाखिला प्रक्रिया और नौकरियों के लिये नए सिरे से घोषणाएं की जाएंगी।
विज्ञप्ति में कहा गया था कि जो भर्ती या दाखिला प्रक्रिया (परीक्षा या साक्षात्कार) 14 जनवरी से पहले शुरू हो चुकी हैं, उनमें 10 फीसदी आरक्षण लागू नहीं होगा।
घोषणा के कुछ ही देर बाद गुजरात लोक सेवा आयोग (जीपीएससी) के अध्यक्ष दिनेश दासा ने कहा कि वे 20 जनवरी को होने वाली ‘सभी प्रारंभिक परीक्षाएं’ स्थगित करेंगे। नए आरक्षण लाभार्थियों को प्रमाण पत्र जारी होने के बाद परीक्षाओं की तिथि फिर से निर्धारित की जाएगी और इस संबंध में बाद में घोषणा की जाएगी।
गुजरात कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा ने इस घोषणा की निंदा करते हुए कहा कि इससे भ्रम फैलेगा।
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