JNU मामला: कन्हैया समेत 10 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

Last Updated 14 Jan 2019 03:53:36 PM IST

दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित 10 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।


कन्हैया कुमार, उमर खालिद एवं अनिर्बान भट्टाचार्य (फाइल फोटो)

उसने पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण आरोप पत्र के कॉलम 12 में 36 लोगों के नाम दिए हैं। यह आरोप पत्र पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित आनंद की अदालत में दाखिल किया गया है। मजिस्ट्रेट आरोप पत्र पर 15 जनवरी को संज्ञान लेंगे। आरोप पत्र में शामिल सभी लोगों पर आरोप है कि उन्होंने संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर विश्वविद्यालय में 9 फरवरी, 2016 को एक कार्यक्रम आयोजित किया था और उसमें देश के खिलाफ नारे लगाए थे।

पुलिस ने सभी पर देशद्रोह के अलावा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। पुलिस ने आरोप पत्र में मुख्य आरोपी कन्हैया कुमार के अलावा पूर्व छात्र उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य को बनाया है। वे तीनों इस मामले में गिरफ्तार किए गए थे। इसके अलावा कश्मीरी छात्र आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसूल, बशीर भट व बशरत को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने आरोप पत्र के कॉलम 12 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता, जेएनयूएसयू छात्र संघ की तत्कालीन उपाध्यक्ष शहला राशिद, राम नागा, आशुतोष कुमार के अलावा बनोज्योत्सना लाहिरी सहित कम से कम 36 अन्य लोगों नाम दिए हैं। उन लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे।

आरोप पत्र भारतीय दंड संहित (आईपीसी) की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने), 465 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल करने), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने), 147 (दंगा फैलाने) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचने) के तहत दाखिल किया गया है। पुलिस ने लगभग 12 सौ पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है और उसमें साक्ष्य के तौर पर सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल फोन के फुटेज और अन्य दस्तावेजी प्रमाण दिए गए हैं।

पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है कि कन्हैया कुमार ने भीड़ को भारत विरोधी नारे लगाने के लिए उकसाया था। पुलिस ने भाजपा सांसद महेश गिरी व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की शिकायत पर वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाने में 11 फरवरी, 2016 को अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में पहले आईपीसी की धारा 124ए तथा 120बी लगाई गई थी।

10 आरोपी

1. कन्हैया कुमार
2. उमर खालिद
3. अनिर्बान भट्टाचार्य
4. आकिब हुसैन
5. मुजीब हुसैन
6. मुनीब हुसैन
7. उमर गुल
8. रईया रसूल
9. बशीर भट
10. बशरत

36 के खिलाफ नहीं पर्याप्त सबूत

भाकपा नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता, जेएनयूएसयू छात्र संघ की तत्कालीन उपाध्यक्ष शहला राशिद, राम नागा, आशुतोष कुमार के अलावा बनोज्योत्सना लाहिरी सहित कम से कम 36 अन्य लोग ऐसे हैं जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए इनके नाम आरोप पत्र के कॉलम 12 में दिए गए हैं।

क्या है धारा में

(आईपीसी) की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने), 465 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल करने), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने), 147 (दंगा फैलाने) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचने) के तहत दाखिल किया गया है।

आरोपपत्र राजनीति से प्रेरित : कन्हैया

जवाहरलाल नेहरू विविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले में सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद कुमार सहित विभिन्न लोगों ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया। उन लोगों ने लोकसभा चुनाव से पहले इसे दाखिल किए जाने को लेकर भी सवाल उठाया।

समयलाइव डेस्क
नयी दिल्ली


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