संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि संसद में विपक्षी दलों का प्रदर्शन जारी रहने के बावजूद सरकार अपने विधेयकों को पारित कराने पर मजबूर होगी।

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विपक्ष द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर लगातार हंगामे के कारण दोनों सदनों में सामान्य कामकाज की संभावनाएं धूमिल हो रही हैं।
लोकसभा में सोमवार को सूचीबद्ध कामकाज नहीं हो सका, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही अपने वर्तमान सदस्य और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण उनके सम्मान में स्थगित कर दी गई।
रीजीजू ने कहा कि सरकार अपने विधेयकों पर संसद में गहन चर्चा चाहती है, लेकिन ‘राष्ट्रीय हित’ में मंगलवार से इन्हें पारित कराने के लिए दबाव बनाने पर मजबूर होगी क्योंकि प्रस्तावित विधेयक शासन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पर दो दिन की चर्चा के लिए सहमत हुए थे और दोनों विधेयकों पर सोमवार को लोकसभा में एक साथ चर्चा और इन्हें पारित कराने का कार्यक्रम था, लेकिन उन्होंने कार्यवाही बाधित कर दी।
विपक्ष इस बात पर जोर दे रहा है कि सरकार संसद में अपना विधायी एजेंडा आगे बढ़ाने से पहले बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की उसकी मांग पर सहमति जताए।
हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया है कि संसद में एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह प्रक्रिया निर्वाचन आयोग की प्रशासनिक कार्रवाई और कार्यप्रणाली का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व अध्यक्ष और दिवंगत कांग्रेसी नेता बलराम जाखड़ के एक फैसले का हवाला दिया था कि संसद निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के कामकाज पर चर्चा नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि संसद चुनाव सुधारों पर चर्चा कर सकती है, लेकिन आयोग के कामकाज पर नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग पहले भी एसआईआर की कवायद कर चुका है।
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