सवर्ण आरक्षण का फैसला स्वागतयोग्य लेकिन चुनावी स्टंट: मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुये इसे देर से उठाया गया कदम लेकिन एक चुनावी स्टंट बताया है।
बसपा अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो) |
मायावती की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि देश में गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की सुविधा देने की बसपा की वर्षों से लंबित मांग को आधे अधूरे मन और अपरिपक्व तरीके से स्वीकार किये जाने के बावजूद वह इसका स्वागत करते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार यह फैसला पहले करती तो बेहतर होता।
बसपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव से पहले लिया गया यह फैसला हमें सही नीयत से लिया गया फैसला नहीं बल्कि चुनावी स्टंट लगता है, राजनीतिक छलावा लगता है।’’
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले नहीं बल्कि और पहले यह फैसला करती तो अच्छा होता।
उल्लेखनीय है कि सामान्य वर्ग के गरीबों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को सोमवार को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद इसे अमल में लाने के लिये सरकार ने मंगलवार को संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया।
मायावती ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को मिल रहे आरक्षण की पुरानी व्यवस्था की समीक्षा की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि इन वर्गों की बढ़ी हुयी आबादी के हिसाब से इन्हें समुचित आरक्षण देने की सख्त जरूरत है।
| Tweet |