लेनिन की एक और मूर्ति गिराई
रूसी क्रांति के नायक रहे व्लादिमीर लेनिन की साउथ त्रिपुरा जिले में दो दिन में दूसरी मूर्ति तोड़ दी गई.
![]() त्रिपुरा में लेनिन की एक और मूर्ति गिराई गयी. (फाइल फोटो) |
दूसरी घटना मंगलवार को जिले के सबरूम टाउन में मोटर स्टैंड के पास हुई. इससे पहले सोमवार को जिले के बेलोनिया सबडिवीजन में लेनिन की प्रतिमा तोड़ी गई थी. बेलोनिया सबडिवीजन में लगी लेनिन की मूर्ति को जेसीबी से गिरा गया. यहां ये मूर्ति पांच साल पहले लगाई गई थी. कई जगहों पर माकपा दफ्तरों में भी तोड़-फोड़ भी की गई है. वाम दलों ने इस तोड़फोड़ का आरोप भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया है. पहली प्रतिमा तोड़े जाने के दौरान भारत माता की जय के नारे लगाए गए थे. भाजपा की जीत के बाद से माकपा विरोधी 770 से अधिक हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं और इनमें 1000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. कई घरों में तोड़फोड़ की गई और आग भी लगाई गई. राज्य में हिंसा की खबरों के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपाल तथागत रॉय और डीजीपी एके शुक्ला से सरकार बनने तक हालात पर नजर रखने को कहा है. पुलिस के मुताबिक, जेसीबी के ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया गया. वह नशे में था. इस घटना पर लेफ्ट ने नाराजगी जाहरि की.
तोड़ फोड़ की भी घटनाएं : माकपा के राज्य सचिव बिजन धर ने इन आरोप लगाया कि उपद्रवियों को भाजपा की शह मिली हुई है. माकपा के 514 कार्यकर्ता घायल हुए हैं. 1539 घरों में तोड़फोड़ की गई है. पार्टी के 64 कार्यालय फूंक दिए गए हैं और मंगलवार को भी सबरूम में लेनिन की एक और मूर्ति को तोड़ दिया गया.
ज्ञापन की प्रतियां मीडिया को बांटीं : लोकसभा में माकपा के उपनेता एवं पोलितब्यूरो के सदस्य डा. सलीम ने मंगलवार को यहां पत्रकारों को पीएम को दिए गए ज्ञापन की प्रतियां वितरित कीं और भाजपा एवं संघ पर आरोप लगाते हुए कहा कि ¨हसा की घटनाओं में अब तक 1539 घरों पर हमले हुए हैं, 514 लोगों पर दमन तथा 196 घरों को आग लगा दी गई है एवं 134 पार्टी कार्यालयों को आग लगा दी गयी है, जिसमें 64 कार्यालय जल कर राख हो गए हैं. 38 जनसंगठनों पर हमले एवं 90 जनसंगठनों पर कब्जा हो गया है.
भाजपा ने लोगों का गुस्सा बताया : भाजपा का कहना है कि यह माकपा के खिलाफ लोगों का गुस्सा है. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया से कहा, ‘त्रिपुरा में मार्क्सवादियों ने चुनाव से पहले हमारे 9 कार्यकर्ताओं को मार दिया था. भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा की टोपी पहन कर इन घटनाओं को अंजाम दिया.
वामदलों ने नाराजगी जताई : देश के कई हिस्सों में वाम कार्यकर्ता और नेता इन घटनाओं के किलाफ सड़कों पर उतरे. कोलकाता में माकपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने सड़क पर उतर कर इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया.
लोकतंत्र में यह मंजूर नहीं : भाकपा नेता डी राजा ने कहा, मैं इस हिंसा का पुरजोर विरोध करता हूं. लोकतंत्र में यह मंजूर नहीं है. हम कई पार्टयिों वाले लोकतंत्र हैं. इसमें कुछ पार्टयिां जीतती हैं तो कुछ हारती हैं. इसका मतलब यह नहीं कि वे तोड़फोड़ और हिंसा करें. जैसा कि लेनिन की मूर्ति का गिराया गया.
हिंसा ही उनका राजनीतिक भविष्य है : माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, त्रिपुरा में जो हिंसा हो रही है ये स्पष्ट करती है कि आरएसएस-भाजपा का रुझान क्या है. हिंसा के अलावा उनका कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है. त्रिपुरा की जनता इसका जवाब देगी.
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