आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के विरुद्ध नहीं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के विरुद्ध नहीं बल्कि युवाओं को दिग्भ्रमित करने वाली मानसिकता के खिलाफ है.
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय की मौजूदगी में विज्ञान भवन में 'इस्लामिक हेरीटेज: प्रमोटिंग अंडरस्टैंडिंग एंड मॉडरेशन' विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों का उद्गम स्थल है. भारत का लोकतंत्र हमारी सदियों पुरानी बहुलता का उत्सव है. भारत में लोकतंत्र एक राजनैतिक व्यवस्था ही नहीं बल्कि समानता, विविधता और सामंजस्य का मूल आधार है.
उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को किसी धर्म के खिलाफ लड़ाई समझे जाने की मानसिकता को गलत बताते हुए कहा कि आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के विरुद्ध नहीं बल्कि युवाओं को दिग्भ्रमित करने वाली मानसिकता के खिलाफ है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "मजहब का मर्म अमानवीय नहीं हो सकता. हर पंथ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती है. इसलिए, आज सबसे ज्यादा जरूरत ये है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़ें और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी करें."
उन्होंने कहा, "भारत में हमारी कोशिश है कि सबकी तरक्की के लिए सबको साथ लेकर चलें. क्योंकि सारे मुल्क की तकदीर हर शहरी की तरक्की से जुड़ी है. क्योंकि मुल्क की खुशहाली से हर एक की खुशहाली वाबस्ता है."
उन्होंने कहा, "हमारी विरासत और मूल्य, हमारे मजहबों का पैगाम और उनके उसूल वह ताकत हैं जिनके बल पर हम हिंसा और दहशतगर्दी जैसी चुनौतियों से पार पा सकते हैं."
आतंकवाद के संदर्भ में मोदी ने कहा कि इंसानियात के खिलाफ दरिंदगी का हमला करने वाले शायद यह नहीं समझते कि नुकसान उस मजहब का होता है जिसके लिए खड़े होने का वो दावा करते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय के मन में आपने गौरवशाली अतीत के प्रति आदर है, वर्तमान के प्रति विश्वास है और भविष्य पर भरोसा है.
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं. यहां की आबोहवा में उन्होंने जन्दिगी पाई, सांस ली. चाहे वह 2500 साल पहले भगवान बुद्ध हों या पिछली शताब्दी में महात्मा गांधी. अमन और मुहब्बत के पैगाम की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है.
उन्होंने कहा कि हर भारतीय को गर्व है अपनी विविधता की विशेषता पर. अपनी विरासत की विविधता पर और विविधता की विरासत पर. चाहे वह कोई जुबान बोलता हो. चाहे वह मंदिर में दिया जलाता हो या मस्जिद में सजदा करता हो, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद गाये.
मोदी ने कहा कि यहां से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिलीजुली परम्परा ने मानवमात्र की मूलभूत एकता का पैगाम दिया है. मानवमात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का दर्शन दिया है. भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है.
मोदी ने कहा कि आपका वतन और हमारा दोस्त देश जॉर्डन इतिहास की किताबों और धर्म के ग्रंथों में एक अमिट नाम है. जॉर्डन एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है जहां से खुदा का पैगाम पैगम्बरों और संतों की आवाज बनकर दुनिया भर में गूंजा है.
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