सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह ऊर्जा सुरक्षा को अपनी ‘सर्वोच्च प्राथमिकताओं’ में से एक मानती है और लोगों को किफायती ऊर्जा उपलब्ध हो, इसके लिए उसने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार एक ‘बहुआयामी रणनीति’ अपना रही है जिसमें आपूर्ति स्रोतों में विविधता लाना, तेल और गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने का विस्तार करना और ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाना शामिल है।
उनसे वैश्विक तनाव के बीच देश के सामरिक और ऊर्जा हितों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण पूछा गया था, और यह प्रश्न भी किया गया कि क्या सरकार ने रूस और ईरान से भारत के पेट्रोलियम आयात पर ‘प्रतिबंधों के प्रभाव’ के बारे में अमेरिका जैसे देशों के साथ चिंता व्यक्त की है।
पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जो 7 अगस्त से लागू हो गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें नई दिल्ली द्वारा रूस से तेल की खरीद पर भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की गई, जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया, जो दुनिया में किसी भी देश पर अमेरिका द्वारा लगाए गए सबसे ज्यादा शुल्कों में से एक है।
यह अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क 21 दिन बाद 27 अगस्त से लागू होगा।
जयशंकर ने अपने लिखित जवाब में यह भी कहा, ‘‘सरकार ऊर्जा सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक मानती है और भारत के लोगों के लिए सस्ती ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उसने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।’’
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