विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी रहने और अमेरिकी शुल्क से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई और सेंसेक्स 765 अंक लुढ़क गया। निफ्टी में भी 233 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

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बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 765.47 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 79,857.79 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 847.42 अंक टूटकर 79,775.84 अंक पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी भी 232.85 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 24,363.30 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।
हालांकि, एनटीपीसी, टाइटन, ट्रेंट, आईटीसी और बजाज फिनसर्व के शेयरों में तेजी का रूख रहा।
शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 4,997.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 10,864.04 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।
अमेरिका की तरफ से भारतीय आयात पर घोषित शुरुआती 25 प्रतिशत शुल्क बृहस्पतिवार से लागू हो गए। वहीं रूसी तेल खरीदने पर अलग से लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू होने वाले हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की सूचकांक सकारात्मक दायरे में बंद हुआ, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में ज्यादातर बढ़त में थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59 प्रतिशत बढ़कर 66.82 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 79.27 अंक बढ़कर 80,623.26 अंक और निफ्टी 21.95 अंक चढ़कर 24,596.15 अंक पर रहा था।
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