अफजल गुरू की पांचवीं बरसी पर अलगाववादियों की ओर से हडताल का आह्वान
संसद पर हमले के मामले में दोषी अफजल गुरू की पांचवीं बरसी के अवसर पर आज कश्मीर में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ.
अफजल गुरू की पांचवीं बरसी (फाइल फोटो) |
संसद पर हमले के मामले में दोषी अफजल गुरू की पांचवीं बरसी के अवसर पर उसके अवशेषों को वापस लाने के लिए दबाव बनाने के लक्ष्य से अलगाववादियों द्वारा आहूत हडताल के कारण आज कश्मीर में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ.
संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व की ओर से आहूत हडताल के कारण कश्मीर के ज्यादातर हिस्से में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान आज बंद रहे.
अधिकारियों ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन नहीं चल रहे थे, हालांकि शहर के सिविल लाइन इलाके में कुछ निजी वाहन जरूर सडकों पर दिखे.
उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए खन्यार, करालखुड, महाराजगंज, मैसुमा, नौहाटा, रैनावाडी और सफकदल थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी है.
अधिकारियों ने बताया कि अफजल गुरू के पैतृक गांव सोपोर में भी निषेधाज्ञा लगायी गयी है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.
अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक ने जेएलआर के बैनर तले अफजल गुरू की फांसी के विरोध और उसके अवशेषों को वापस लाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से हडताल का आह्वान किया है.
गुरू को 2001 में संसद पर हुए हमले के संबंध में 2013 में फांसी की सजा दी गयी थी. उसके शव को दिल्ली स्थित तिहाड जेल में दफनाया गया है.
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