राफेल: कांग्रेस का हमला, एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोल रही सरकार
कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मोदी सरकार एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोल रही है और इससे बचने का वह जितना प्रयास कर रही है उसमें उतनी ही ज्यादा उलझ रही है.
रणदीपसिंह सुरजेवाला (फाइल फोटो) |
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला, पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव गौड़ा और प्रमोद तिवारी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि सरकार राफेल विमान मामले में जितना झूठ बोलकर बचने का प्रयास कर रही है उसी गति से और अधिक इसमें फंस रही है.
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि सरकार को राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत बताने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अब वह अपने इस बयान से पलट गयी हैं और कह रही हैं कि समझौते में गोपनीयता की शर्त है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल लोकसभा में कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है इसलिए कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन विमानों में लगे लड़ाकू उपकरणों की जानकारी नहीं मांग रही है क्योंकि यह सुरक्षा का मामला हो सकाता है लेकिन विमानों की कीमत में सुरक्षा का मामला कहां से आता है.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इन विमानों की खरीद में देश को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है और सरकार इसे छिपाना चाहती है. उन्होंने कहा कि इन्हीं विमानों को कतर ने जिस कीमत पर खरीदा है भारत सरकार ने उससे तीन गुना अधिक कीमत पर इन विमानों को खरीदकर राजस्व का नुकसान क्यों पहुंचाया इसका जवाब देश को दिया जाना चाहिए.
सुरजेवाला ने कहा कि राफेल सौदे पर सरकार की चुप्पी और भी संशय पैदा कर रही है. उनका कहना था कि कांग्रेस की सरकार के दौरान जब सुखोई और मिराज जैसे विमान खरीदे गए थे तो तत्कालीन रक्षा मंत्री ने इसकी कीमत बता दी थी और उससे देश की सुरक्षा को कोई खतरा पैदा नहीं हुआ था तो राफेल विमानों की कीमत बताने से फिर किस तरह से खतरा हो सकता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए उन्होंने रक्षा खरीद में मंत्रिमंडलीय सुरक्षा समिति की मंजूरी क्यों नहीं ली थी. रक्षा सौदे की खरीद के लिए नियमों का उल्लंघन प्रधानमंत्री ने क्यों किया. उन्होंने कहा कि राफेल विमानों की कीमत क्यों छिपायी जा रही है और देश के सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान को क्यों छिपाया जा रहा है मोदी, जेटली और सीतारमण को इसका जवाब देना चाहिए.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राफेल रक्षा खरीद में पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन हुआ है. इसके लिए न मंत्रिमंडलीय समिति की अनुमति ली गयी और न ही निविदा के स्तर पर नियमों का सही तरीके से पालन हुआ है. यह घोटाला है और इस बारे में सरकार जिस तरह से बचने का प्रयास कर रही है इस घोटाले पर संशय उतना ही बढ़ रहा है. सरकार को देश की जनता को बताना चाहिए कि वह कौन सा मामला है जिसकी वजह से इन विमानों की लागत को छिपाया जा रहा है.
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