बरेली पुलिस ने धर्मांतरण के एक ऐसे बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है जो मुस्लिम लड़कियों के जरिये हिंदुओं का धर्मांतरण कराता था। इस गिरोह में शामिल एक मौलवी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है
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पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह पैसे का लालच देकर निकाह कराता और फिर धर्म परिवर्तन कराता था। पुलिस ने मदरसे में बंधक एक युवक को भी मुक्त कराने का दावा किया है जिसका धर्म परिवर्तन कर निकाह कराने की तैयारी चल रही थी।
पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) अंशिका वर्मा ने बताया कि पुलिस ने युवक को सकुशल मुक्त कराने के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान फैजनगर स्थित मदरसे के मौलवी अब्दुल मजीद (35), सलमान (30), मोहम्मद आरिफ और फहीम के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 और बीएनएस की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह का नेटवर्क 13 प्रदेशों के 30 जिलों तक फैला है। यह गिरोह वित्तीय रूप से कमजोर, अविवाहित युवकों और दिव्यांग लोगों समेत कमजोर तबके के लोगों की पहचान करता था और प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराता था।
उन्होंने बताया कि पेशे से दर्जी सलमान मदद की पेशकश करने या मुस्लिम लड़कियों से परिचय कराने के बहाने हिंदू परिवारों से मिलता था। वहीं, पेशे से नाई फहीम इस काम में सलमान की मदद करता था।
उन्होंने बताया कि एक बार प्रभाव में आने पर व्यक्ति को मदरसा लाया जाता जहां उनको फुसलाया जाता और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए धार्मिक साहित्य और सीडी आदि दी जाती थी। पुलिस ने मदरसे से भारी मात्रा में धार्मिक सामग्री, धर्म परिवर्तन प्रमाण पत्र बरामद किया है।
अलीगढ़ से अखिलेश कुमारी द्वारा एक शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया। अखिलेश ने शिकायत की कि उसके दृष्टिहीन बेटे प्रभात उपाध्याय की एक मुस्लिम लड़की से शादी का लालच देकर अब्दुल मजीद ने उसे फुसलाया। शिकायत के अनुसार, उसे कथित तौर पर मदरसा में बंधक बनाकर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया, उसका नाम बदलकर हामिद रखा गया और मां के शिकायत करने की बात कहने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई।
अखिलेश कुमारी की शिकायत पर पुलिस ने मदरसा पर दबिश दी और प्रभात को बंधक के रूप में पाया। जांच में पता चला कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति सामूहिक रूप से 21 बैंक खाते चला रहे थे जिनमें बड़ी मात्रा में लेनदेन पाया गया।
पुलिस को संदेह है कि 2014 से सक्रिय इस गिरोह ने कई अन्य लोगों का धर्म परिवर्तन कराया होगा। इस गिरोह द्वारा धर्म परिवर्तन कराए गए छह लोगों की पहले ही पहचान की जा चुकी है और इनके धर्मांतरण प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं।
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