सांसदों की फिजूलखर्ची रोकिए उपराष्ट्रपति जी
नियमों की गुंजाइश की आड़ में कमाई करने वालों की कमी नहीं, जो मौका मिलते ही बाजीगरी दिखा बैठते हैं. पर यह बाजीगरी जनता नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि (सांसद) दिखाने लगे हैं.
![]() उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू (फाइल फोटो) |
अत्यधिक किराये की हवाई टिकट बुक कराने और उसके आधार पर अधिक महंगाई भत्ता लेने की बाजीगरी दिखाने वालों सांसदों का मामला उजागर होने पर राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर गंभीर हो उठे हैं. उनका सीधा कहना है कि जनता की गाढ़ी कमाई को, ऐसे हवा में न उड़ाया जाए.
इस बाबत उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को उन्होंने चिट्ठी भी लिखी है और कहा है कि ऐसे नियमों को तत्काल रोका जाए और नियमों में बदलाव किया जाए.
दरअसल कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य राजीव चंद्रेशखर हाल ही में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से बनीं खबरों की सुर्खियों के प्रति गंभीर हैं. आरटीआई के तथ्यों से बनीं खबरों में यह खुलासा हुआ है कि सांसद किस तरह से संसद और अन्य बैठकों में भाग लेने के लिए अंतिम समय में महंगे हवाई टिकट बुक कराते हैं और इसी के आधार पर महंगाई भत्ते का दावा करते हैं.
नियमों के मुताबिक सांसदों के यात्रा भत्ता (टीए) की धनराशि का 1/4 हिस्सा महंगाई भत्ता होता है. अर्थात जितनी महंगी हवाई टिकट, उतना ज्यादा ही उनका महंगाई भत्ता. इस तरह से कई सांसदों ने एक वर्ष में लाखों रुपये की हवाई यात्रा कर डाली है. कुछ सांसदों के हवाई यात्रा का खर्च 30 लाख से 57 लाख रुपये तक का है.
यहां तक अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच एक वर्ष की अवधि में लोकसभा के सभी सदस्यों के टीए व डीए का कुल खर्च 95,70,01,830 रुपए आया है जबकि इसी अवधि में राज्यसभा के सभी सदस्यों के टीए व डीए का कुल खर्च 35,89,31,862 रुपए आया है. यह भारी-भरकम यात्रा भत्ता फस्र्ट क्लास या बिजनेस क्लास का है.
सांसद ने किया ट्वीट : राजीव चंद्रशेखर ने उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को लिखी चिट्ठी को ट्वीट भी किया है.
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