कर्नाटक में महिला पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारी, मौके पर ही मौत

Last Updated 06 Sep 2017 01:16:03 AM IST

मंगलवार की शाम कर्नाटक में वरिष्ठ महिला पत्रकार गौरी लंकेश के घर में घुसकर तीन बंदूक हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी. जिसकी मौके पर ही मौत हो गई.


कर्नाटक की वरिष्ठ महिला पत्रकार गौरी लंकेश, जिनकी उनके घर में घुसकर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

रिपोर्ट के मुताबिक शाम करीब साढ़े छह बजे अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी.

रिपोर्ट के मुताबिक तीन बंदूकधारी हमलावरों ने उनके घर के दरवाजे पर दस्तक दी और जैसे ही उन्होंने अपने घर का दरवाजा खोला तो अपराधियों ने उनको गोली मार दी.

सुश्री गौरी नक्सलियों को सुधारने का प्रयास और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये विख्यात थी.

माना जा रहा है कि हमलावर गौरी की प्रतीक्षा कर रहे थे . वह गांधी नगर स्थित अपने कार्यालय से लौटने के बाद राजराजेरी नगर स्थित अपने घर पहुंची और दरवाजा खोल रही थी, तभी हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई. 

सूत्रों के अनुसार सुश्री गौरी के शरीर पर तीन गोलियां लगी जबकि चार गोलियों के निशान दीवार पर हैं.

घटना के बाद पुलिस आयुक्त समेत आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और वहां का मुआयना किया. मृतका का शव पोस्ट मार्टम के लिये भेज दिया गया है.

मुख्य मंत्री सिद्दारमैया ने सुश्री गौरी की आकस्मिक मौत पर दुख व्यक्त किया और उनके नक्सलियों को सुधारने के लिये किये गये योगदान को याद किया.

जानिए कौन थीं वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश

गौरी लंकेश कन्नड़ भाषा की साप्ताहिक गौरी लंकेश पत्रिका की संपादक थीं. उन्हें निर्भीक और बेबाक पत्रकार माना जाता था. वह कर्नाटक की सिविल सोसायटी की चर्चित चेहरा थीं. गौरी कन्नड़ पत्रकारिता में एक नए मानदंड स्थापित करने वाले पी. लंकेश की बड़ी बेटी थीं.

वह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थीं और हिंदुत्ववादी राजनीति की मुखर आलोचक थीं.

गौरी लंकेश कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं में कॉलम लिखती थीं. गौरी लंकेश राइट विंग की मुखर आलोचक मानी जाती थी. बताया जा रहा है कि वैचारिक मतभेद को लेकर गौरी लंकेश कुछ लोगों के निशाने पर थी.

गौरी लंकेश जिस साप्ताहिक पत्रिका का संचालन करतीं थी उसमे कोई विज्ञापन नहीं लिया जाता था. उस पत्रिका को 50 लोगों का एक ग्रुप चलाता था.

पिछले साल बीजेरी सांसद प्रह्लाद जोशी की तरफ से दायर मानहानि मामले में गौरी लंकेश को दोषी करार दिया गया था, जिन्होंने उनके टैब्लॉयड में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक खबर पर आपत्ति जताई थी. गौरी लंकेश मीडिया की आजादी की पक्षधर थीं.

समयलाइव डेस्क


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