अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिये आंकड़ों का विश्लेषण करें कर अधिकारी: मोदी

Last Updated 01 Sep 2017 09:20:46 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कर अधिकारियों से अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिये आंकड़ों के विश्लेषण का उपयोग करने और 2022 तक कर प्रशासन में सुधार के लिये स्पष्ट लक्ष्य तय करने को कहा.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'राजस्व ज्ञान संगम' का उद्घाटन किया.

प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर अधिकारियों के दूसरे सालाना संयुक्त सम्मेलन 'राजस्व ज्ञान संगम' का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कर अधिकारियों से लंबित मामलों का निपटान करने और ऐसा माहौल बनाने को कहा है जिससे ईमानदार करदाताओं के बीच भरोसा बढ़े और भष्टाचार जड़ से समाप्त हो.  उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से दो महीने के भीतर 17 लाख नये व्यापारी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आये.

प्रधानमंत्री ने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी का लाभ कीमतों में कमी के रूप में आम लोगों तक पहुंचना चाहिये और साथ ही 20 लाख रुपये से कम के कारोबार वाले भी नई प्रणाली में पंजीकृत हों.

मोदी ने अधिकारियों से अपनी कार्य संस्कृति में सुधार लाने को कहा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को देश में कर प्रशासन में आजादी की 75वीं वषर्गांठ 2022 तक सुधार लाने के लिये निश्चित रूप से स्पष्ट लक्ष्य तय करना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई 2014 में सत्ता आने के बाद से ही करदाताओं को आश्वासन देते रहे हैं कि वह जवाबदेही और उत्तरदायित्व निर्धारित करके करदाताओं में अधिकारियों को लेकर जो डर है, उसे समाप्त करेंगे.

इस संबंध में जो उपाय किये गये हैं, उसमें भष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये करदाताओं और अधिकारियों के बीच कम-से-कम आमना-सामना सुनिश्चित किया जाना शामिल है. इसके लिये रिटर्न की आसान आनलाइन फाइलिंग और दावा राशि की वापसी के साथ कागज रहित ई-मेल आधारित ई-जांच शामिल है.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि कर प्रशासन में मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम हो. उन्होंने ई-आकलन पर जोर देने और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर चुपचाप कार्यवाही करने को कहा ताकि निहित स्वार्थी तत्व कानून में बाधा नहीं डाल पाये. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ऐसा माहौल बनाने की दिशा में काम कर रही है जिससे भष्ट लोगों का भरोसा टूटे और ईमानदार करदाताओं में विश्वास बढ़े. उन्होंने नोटबंदी और कालाधन तथा बेनामी संपत्ति के खिलाफ कड़े कानून जैसे कदमों का जिक्र किया. 

मोदी ने कानूनी विवाद और अपील में बड़ी संख्या में फंसे कर संबंधी मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि इन मामलों में बड़ी राशि फंसी है जिसका उपयोग गरीबों के कल्याण में किया जा सकता है. उन्होंने अधिकारियों से लंबित मामलों के निपटान के लिये राजस्व ज्ञान संगम में कार्य योजना लाने को कहा. 

बंद कमरे में दो दिन चलने वाली बैठक में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) तथा केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं.

सीबीईसी ने ट्विटर पर लिखा है, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर अधिकारियों को ईमानदार करदाताओं के प्रति मित्रवत रहने का निर्देश दिया है. 



प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी व्यापरी जीएसटी का अधिकतम लाभ उठाये, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि 20 लाख रुपये से नीचे के कारोबार वाले छोटे व्यापारी समेत सभी व्यापारी जीएसटी प्रणाली में पंजीकृत हों.

सीबीईसी ने कहा कि मोदी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के सुचारू क्यिान्वयन के लिये केंद्र एवं राज्य के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की. एक जुलाई से लागू जीएसटी से समूचा भारत एक साझा बाजार बना है और कर पर कर का प्रभाव समाप्त हुआ है.

सीबीईसी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा है कि जीएसटी का लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए. अपने संबोधन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को वास्तविक रूप देने के लिये केंद्रीय तथा राज्य कर अधिकारियों की सराहना की. सीबीईसी ने कहा कि उन्होंने दूरदर्शी नीतियों और प्रेरणा के लिये मोदी को धन्यवाद भी दिया.
        
वित्त मंत्रालय के अनुसार दो दिन चलने वाले राजस्व ज्ञान संगम का मकसद नीति निर्माताओं और क्षेत्रीय कार्यालयों में काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के बीच संवाद स्थापित करना है ताकि राजस्व संग्रह बढ़े और कानून एवं नीतियों का क्रियान्वयन सुगम हो.

 

 

भाषा


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