निजता और पारर्दिशता के बीच संतुलन जरूरी : जेटली
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि पारर्दिशता और निजता के लिए संतुलन बनाना होगा और लोग संदिग्ध नकदी खर्च के संबंध में जानकारी छिपाने के लिए इस व्यवस्था का हवाला नहीं दे सकते जिनमें नेता भी शामिल हैं.
![]() वित्त मंत्री अरूण जेटली (फाइल फोटो) |
उच्चतम न्यायालय द्वारा निजता को बुनियादी अधिकार बताये जाने के कुछ दिन बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि क्या कोई नौकरशाह महिला की निजता की आड़ में अपनी पत्नी के खरीदे जेवरों पर जानकारी छिपा सकता है.
उन्होंने कहा कि इसी तरह क्या चुनाव लड़ रहा कोई राजनेता अपने परिवार की संपत्ति के बारे में सूचना देने से इनकार करने के लिए निजता के इस्तेमाल का हवाला दे सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि अदालत का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा, अपराध की जांच और सामाजिक फायदों के अपव्यय को निजता के दायरे से अलग रखता है.
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि ये तीनों उदाहरण हैं, निर्णायक नहीं हैं. ये केवल दर्शाने के लिए हैं.
जेटली के मुताबिक राजस्व वसूली के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों को निजता के नाम पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता.
उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह अपने एक फैसले में निजता को बुनियादी अधिकार बताया था.
जेटली ने यहां राजनीतिक चंदे में पारर्दिशता विषय पर एक व्याख्यान में कहा, हम दो दशक से पारर्दिशता के युग में रह रहे हैं और अदालत के फैसले भी उसी दिशा में थे. अब निजता को पारर्दिशता में जोड़ा गया है और इस तरह निजी चीजों को गोपनीय रखना बुनियादी अधिकार बन गया है.
उन्होंने कहा कि अब यह एक बड़ा मुद्दा उभरेगा कि पारर्दिशता और निजता का संतुलन कैसे करें. क्या इन दोनों के बीच कोई विरोधाभास है? इसलिए दोनों के बीच संतुलन, सामंजस्य जरूरी है.
जेटली के मुताबिक अगर कोई कहे कि वह एक करोड़ रूपये नकद खर्च करेगा और सरकार को इस बारे में जानने का हक नहीं है क्योंकि इससे निजता का हनन होता है तो आप देश के साथ बेइमानी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, आप निजता के नाम पर कर कानूनों का उल्लंघन करते रहें. इसलिए राजस्व अजर्ति करने के लिहाज से पारर्दिशता और सूचना साझा करना महत्वपूर्ण हो जाता है.
राजनीतिक चंदे के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवस्था में सफाई के लिए इलेक्टोरल बांड की घोषणा की थी और अब वह इसे अंतिम रूप देने का प्रयास कर रही है.
| Tweet![]() |