मदर्सों के पाठ्यक्रम में शामिल होगा तलाक का विषय
उच्चतम न्यायालय द्वारा एक बार में तीन तलाक को लेकर ऐतिहासिक निर्णय दिये जाने के मद्देनजर मदर्सों के पाठ्यक्रम में तलाक का विषय शामिल करने का फैसला किया है.
(फाइल फोटो) |
दरगाह आला हजरत के दारल इफ्ता मंजरे-ए-इस्लाम के अध्यक्ष मुफ्ती सैय्यद कफील हाशमी ने मंगलवार को बताया कि तलाक को लेकर शरीयत में कई तरह की शर्ते हैं, लेकिन तलाक के ज्यादातर मामलों में इनकी अनदेखी की जाती है. लोगों में तलाक के बारे में सही जानकारी ना होना भी गड़बड़ी की बड़ी वजह है.
उन्होंने कहा कि अब मदर्सों के विद्यार्थियो को तलाक का सही तरीका बताया जाएगा, जो कुरान और हदीस के हिसाब से होगा. दरगाह आला हजरत की तरफ से देशभर के बरेलवी मदरसों के लिए जल्द ही इस सिलसिले में आदेश जारी किया जाएगा.
हाशमी ने बताया कि मदर्सों में तलाक का सही तरीका जानने के बाद विद्यार्थी अपने आसपास के इलाकों में तलाक को लेकर परामर्श भी देंगे. मदर्सों में होने वाली पैरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) में भी तलाक का सुन्नत तरीका बताया जाएगा.
उन्होंने बताया कि दरगाह आला हजरत ने दुनियाभर के उलमा का उर्स और जलसों की तकरीरों में भी शरीयत की रोशनी में तलाक के सही तरीकों की जानकारी देने का आह्वान किया है.
हाशमी ने बताया कि दरगाह आला हजरत द्वारा तलाक के सुन्नत तरीकों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.
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