भारत, चीन ने डोकलाम में सैन्य बलों की वापसी पर जताई सहमति: विदेश मंत्रालय
ब्रिक्स सम्मेलन से करीब एक हफ्ते पहले सरकार ने आज कहा कि भारत और चीन डोकलाम में गतिरोध स्थल से सीमाबलों को शीघ पीछे हटाने पर सहमत हो गए हैं.
![]() फाइल फोटो |
ऐसी संभावना है कि मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं.
एक बड़ी राजनयिक उपलब्धि के तहत विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन ने राजनयिक संवाद बरकरार रखा है तथा वे एक दूसरे को अपने हितों, चिंताओं एवं रख से अवगत कराने में सफल रहे हैं.
भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि सिक्किम में डोकलाम से सैनिकों के लौटने की प्रक्यिा चल रही है. भारत ने उस क्षेत्र में करीब 350 सैन्यकर्मी तैनात कर रखे थे.
डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच 16 जून से गतिरोध बना हुआ है जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को इलाके में एक सड़क का निर्माण करने से रोक दिया था.
वैसे विदेश मंत्रालय के बयान में स्पष्ट तौर पर नहीं कहा गया है कि क्या चीनी और भारतीय सीमाबल उस इलाके से पीछे लौट गए हैं ? लेकिन चीन ने आज एक बयान में दावा किया कि वाकई भारतीय सीमा बल लौट गए हैं जबकि उसने अपने सैनिकों की स्थिति के बारे में अस्पष्टता बना रखी है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में संवादाताओं से कहा, चीनी सैनिक जमीनी स्तर पर इसका सत्यापन कर चुके हैं. चीन अपनी संप्रभुता बनाये हुए है. चीन स्थिति के हिसाब से समायोजन करेगा.
लेकिन नयी दिल्ली में अधिकारियों से पूछा गया कि क्या चीन के इस बयान का मतलब है कि चीन पीछे नहीं हटा तो उन्होंने कहा कि त्वरित वापसी का तात्पर्य दोनों पक्षों का पीछा हटना है क्योंकि भारत के एकतरफा पीछे हट जाने के लिए चीन के साथ सहमति की जरूरत ही नहीं होती.
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, पिछले कुछ सप्ताहों में भारत और चीन ने डोकलाम मामले के संबंध में राजनयिक संवाद बरकरार रखा है. वार्ताओं के दौरान हम अपने हित, अपना रख और अपनी चिंताओं को व्यक्त करने में सफल रहे.
बयान में कहा गया, इन वार्ताओं के आधार पर डोकलाम में विवाद की जगह से सीमा बलों को आमने सामने की स्थिति से हटाने का फैसला किया गया है और यह प्रक्यिा शुरू हो चुकी है.
हुआ ने कहा कि भारतीय सैनिक और उपकरण सीमा पर भारत की तरफ चले गए हैं. चीनी पक्ष डोकलाम में गश्त जारी रखे हुए है.
उन्होंने कहा, चीनी पक्ष ऐतिहासिक परंपरा के अनुसार संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखे हुए है.
चीन के शियामेन में 3-5 सितंबर के दौरान ब्रिक्स सम्मेलन होगा . ब्रिक्स में ब्राजील, रस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका है.
हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि किसी भी प्रकार की वार्ता तथा सीमा पर तनाव के शांतिपूर्ण हल के लिए दोनों पक्षों को पहले अपने सैनिकों को हटाना चाहिए .
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