मथुरा में जन्माष्टमी पर हो उठा समूचा बृजमंडल कृष्णमय

Last Updated 15 Aug 2017 04:33:18 PM IST

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर समूचा ब्रजमंडल कृष्णमय हो उठा है और 'नन्द के आनन्द भये जै कन्हैयालाल की' के सामूहिक उद्घोष से ब्रज का कोना-कोना कृष्णमय हो गया है.


जन्माष्टमी पर समूचा बृजमंडल कृष्णमय हुआ

तीर्थयात्रियों का सबसे अधिक हुजूम श्रीकृष्ण जन्मस्थान में सुबह से ही मौजूद रहा तथा यहां के मुख्य मंदिरों में दर्शन का क्रम अनवरत चलता रहा. मंदिरों के खुलते ही आज शहनाई वादन एवं नगाड़े बजाए गए तथा इसी वातावरण में अभिषेक किया गया.

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान में आज जहां लीला मंच में भाव पूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें भागवताचार्य कीर्ति किशोरी के भजनों पर तो दर्शक भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे.

लीला मंच पर आयोजित कार्यक्रम में ठाकुर की आरती उतारने के बाद महान संत गुरूशरणानन्द महाराज ने कहा कि भगवान का गोकुल जाना यानी अंदर से जाना सबसे बड़ी विपत्ति है जब कि उनका स्मरण ही सबसे बड़ी सम्पत्ति है. उनका कहना था कि मनुष्य की दुष्प्रवृत्तियों का नाश और अंत:करण में भगवान का प्रवेश उसी प्रकार से है जिस प्रकार से अंधेरे में प्रकाश दिखाई पड़ता है.

उन्होंने कहा कि भगवान सबके हृदय में रहते हैं पर जो स्मरण करता है वहां पर भगवान जागृत हो जाते हैं. उनका कहना था कि यदि भगवान का प्रवेश व्यक्ति के अंत:करण से उसकी इन्द्रियों में हो जाय तो भगवान उसे उसके हर कार्य में दिखाई देते हैं.

श्री महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण के गीता के संदेश "यदा यदा हि धर्मष्य ग्लानिर्भवति भारत़.., परि़ाणाय साधूनाम विनाशाय च दुष्क्रताम" में जब कहा है तो उसका अर्थ मनुष्य को अपने अंदर मौजूद कंसत्व को हटाकर कृष्णत्व को समायोजित करने से है. उन्होंने तीर्थयात्रियों को भाज्ञशाली बताया कि जन्माष्टमी पर आज वे उस भूमि पर आए हैं जहां ठाकुर ने अवतरण लिया.

इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने श्रीकृष्ण के प्रेम के संदेश को जन जन तक फैलाने का आवान करते हुए कहा कि इससे सामाजिक समरसता आएगी.  जन्माष्टमी के अवसर पर आज श्रीकृष्ण जन्मस्थान के केशवदेव मंदिर, भागवत भवन एवं गिर्राज मंदिर तथा गर्भगृह की सजावट देखते ही बनती थी.
    
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि जन्मस्थान के आह्वान पर आज न केवल ब्रज के संतो ने चीनी माल के बहिस्कार का आह्वान किया बल्कि इसका असर ब्रज की दुकानों में देखने को मिला. गुप्ता बिजली स्टोर के मालिक मुकेश ने बताया कि उनके यहां इस बार चीनी झालर और अन्य सामान की बिक्री कम हुई है. जन्मस्थान की ओर से आज जगह जगह चीन के सामान के बहिस्कार के बैनर भी लगाए गए.

सुबह से जहां ब्रज के मंदिरों में दर्शन के लिए लम्बी लम्बी लाइने लगी हुई हैं वहीं समाजसेवियों ने तीर्थयात्रियों के लिए पलक पांवड़े बिछाते हुए जगह जगह भंडारे लगा दिए हैं जिनमें व्रत का सामान के साथ-साथ नाना प्रकार के व्यंजन दिए जा रहे है. भंडारों पर भी लम्बी-लम्बी कतारें लगी हुई हैं.

भारत के विख्यात द्वारकाधीश मंदिर में सुबह किये गए अभिषेक में तीर्थयात्रियों का हजूम उमड़ पडा. मंदिर में दिन भर तीर्थयात्रियों की चहल पहल रही.

मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कि मंदिर में ठाकुर का श्रंगार सौ साल से अधिक पुराने हीरे जवाहरात, आभूषणों आदि से किया गया. सुबह के समय सबसे अधिक तीर्थयात्री वृन्दावन के राधारमण मंदिर, राधा दामोदर मंदिर एवं शाह जी मंदिर में पहुंच चुके थे जहां पर दिन में जन्माष्टमी मनाई गई. सप्त देवालयों में प्राचीन राधा रमण मंदिर में आज लगभग तीन घंटे तक ठाकुर का अभिषेक 27 मन दूध, दही, शहद, बूरा, घी एवं आयुर्वेदिक दवाओं से किया गया.

मंदिर के सेवायत आचार्य दिनेशचन्द्र गोस्वामी ने बताया कि अभिषेक के बाद लगभग डेढ़ घंटे तक ठाकुर का श्रंगार किया गया तथा सबसे अंत में मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने ठाकुर को दीर्घ आयु का अशीर्वाद दिया. जिस समय मंदिर में ठाकुर का श्रंगार किया जा रहा था उस समय तीर्थयात्रियों को चरणामृत एवं कौपीन का वितरण किया गया.

राधा दामोदर मंदिर में भी लगभग तीन घंटे तक जीव गोस्वामी के ठाकुर राधा दामोदर, कृष्णराज कविराज गोस्वामी के ठाकुर राधा वृन्दावन चन्द्र, कवि जयदेव गोस्वामी के ठाकुर राधा माधव एवं भूगर्भ गोस्वामी के ठाकुर राधा छैल चिकन का अभिषेक किया गया. मंदिर के सेवायत आचार्य कनिका गोस्वामी ने बताया कि आज ही उस गिर्राज शिला का अभिषेक किया गया जिसे श्यामसुन्दर ने स्वयं सनातन गोस्वामी को दिया था.

अभिषेक के समापन पर मंदिर का वातावरण देखते ही बनता था. श्रीकृष्ण जन्म की खुशी में मंदिर में एक दूसरे पर दही, पानी, हल्दी का मिश्रण इस प्रकार से डाला गया जैसे रंगों की होली होती है. इस अवसर पर मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं में चरणामृत का भी वितरित किया गया.



इसी प्रकार का अभिषेक शाह जी मंदिर में आज दिन में हुआ तथा वहां पर भी श्रद्धालुओं में चरणामृत वितरित किया गया.  गोवर्धन के दानघाटी मंदिर, मुकुट मुखारबिन्द मंदिर एवं गिर्राज मुखारबिन्द मंदिर में लगभग छह घंटे तक अनवरत दुग्धाभिषेक तथा पंचामृत अभिषेक किया गया वहीं आज भी लाखों तीर्थयात्रियों ने गिर्राज की सप्तकोसी परिक्रमा की.

गोकुल के राजा ठाकुर मंदिर में विशेष सजावट की गई है तथा पालने को हीरे जवाहरात से सजाया गया है वहां पर कल जन्माष्टमी दधिकांधा के रूप में मनाई जाएगी. नन्दगांव में नन्दबाबा मंदिर में भी जन्माष्टमी जहां आज दाढ़ी दाढन लीला हुई तथा श्रीकृष्ण की वंशावली का वाचन किया गया वहीं रसिया गायन से वातावरण कृष्णमय हो उठा है. इस मंदिर में तथा ब्रज के अन्य मंदिरों में दधिकांधा बुधवार को मनाया जाएगा.

जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने बताया कि जन्माष्टमी पर मथुरा में किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. सबसे अधिक भीड़-भाड़वाले श्रीकृष्ण जन्मस्थान में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारकाधीश मंदिर, कृष्ण बलराम मंदिर वृन्दावन और बिहारी जी मंदिर में सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल लगाया गया है.

 

 

वार्ता


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