नीतीश हो सकते हैं राजग संयोजक
जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के संस्थापक पूर्व अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य शरद यादव पर कार्रवाई करते हुए सदन में पार्टी के नेता पद से हटा दिया.
जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (फाइल फोटो) |
इसी के साथ उनकी जगह यह दायित्व पार्टी के एक अन्य राज्य सभा सदस्य आरसीपी सिंह को दे दी गयी है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अफाक अहमद ने ‘ राष्ट्रीय सहारा’ से कहा कि शरद यादव और उनके साथ पार्टी के जो लोग पार्टी के फैसले के खिलाफ अभियान चला रहे हैं उन्हें पार्टी से मुक्त भी किया जा सकता है. इधर, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि सत्तारूढ़ राजग में शामिल होने के लिए नीतीश को उन्होंने आमंत्रित किया है. जदयू ने भी कह दिया है कि राजग में शामिल होने का निर्णय 19 अगस्त को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा. नीतीश ने श्री शाह से शुक्रवार को मुलाकात भी की थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार राजग के संयोजक बनाए जा सकते हैं.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने सुबह दस बजे पार्टी के अन्य सांसदों के साथ सभापति एम वेंकैया नायडू से सुबह 10 बजे मुलाकात की और उच्च सदन में आरसीपी सिंह को जदयू का नेता नियुक्त करने संबंधी पत्र सौंपा. उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आरसीपी सिंह 2010 में प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर जद यू में शामिल हो गये थे. सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विासपात्र समझे जाते हैं. राज्यसभा में जदयू के 10 सदस्य हैं. इसके पहले पार्टी ने शुक्रवार रात अपने राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के कारण संसदीय दल से निलंबित कर दिया था.
जद यू के प्रवक्ता एवं महासचिव केसी त्यागी ने शनिवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद यू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ शुक्रवार को यहां हुई बैठक में राजग में शामिल होने का न्यौता दिया है. इस पर विधिवत फैसला 19 अगस्त को पटना में होने वाली बैठक में लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ नेता शरद यादव को भी बुलाया गया है. वह समाजवाद और लोकतंत्र में विास रखने वाले नेता हैं. बिहार में जद यू के महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाने पर बेशक उनका अलग मत है लेकिन उन्हें बैठक में आकर अपनी बात रखनी चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि श्री यादव में इस बैठक में आने का साहस नहीं है.
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