रास ने भावभीनी विदाई दी अपने सभापति को

Last Updated 11 Aug 2017 01:11:31 AM IST

राज्यसभा में बृहस्पतिवार को सभी दलों के नेताओं ने सभापति और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को भावभीनी विदाई दी. इससे पूर्व कार्यकाल के अंतिम दिन श्री अंसारी की विदाई पर दो घंटे तक सदस्यों ने उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की.


निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को सम्मान पत्र भेंट करते उपसभापति पीजे कुरियन. इस मौके पर नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पीएम नरेंद्र मोदी और लोस अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी थीं.

इससे पहले उप सभापति पीजे कुरियन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता अरुण जेटली, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के कर्ण सिंह और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा समेत कई सदस्यों ने अंसारी का अभिनंदन करते हुए विदाई भाषण दिए. सभी सदस्यों ने सभापति के कार्यकाल को शानदार तथा उनकी कार्यशैली को प्रेरणास्रेत बताया. सदस्यों ने सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलाने में उनकी भूमिका और योगदान का उल्लेख किया.

पीएम बोले, अंसारी के अनुभवों का उठाया लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह दोनों सदनों और देशवासियों की ओर से अंसारी के प्रति आभार प्रकट करते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई की अंसारी विभिन्न भूमिकाओं में देश की सेवा करने के समय मिले अनुभवों से आगे भी देश का मार्गदर्शन करते रहेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन के सभापति के रूप में श्री अंसारी ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने का प्रयास किया भले ही इस दौरान कुछ मौकों पर उन्हें छटपटाहट महसूस हुई होगी लेकिन अब उन्हें इससे मुक्ति मिल जाएगी. मोदी ने कहा कि खुद उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं के संदर्भ में अंसारी के राजनयिक अनुभवों का लाभ उठाया.

मनमोहन ने याद किया संबंधों को

कांग्रेस के सदस्य एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्री अंसारी के साथ अपने संबंधों को याद किया और कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें अंसारी का हमेशा सहयोग मिला था. उन्होंने अंसारी की सराहना करते हुए इकबाल का एक शेर पढ़ा,  मिस्र, रोमां मिट गए सभी जहां से, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी. डा. सिंह ने अंसारी के स्वस्थ रहने और उनके दीर्घायु होने की कामना करते हुए गालिब का शेर पढ़ा,  तुम जियो हजारों साल, एक साल में दिन हो पचास हजार.

अंसारी ने किया जिम्मेदारियों का निर्वहन

सदन के नेता जेटली ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण अवसर है जब पूरा सदन अंसारी के साथ बिताए गए दस वर्षों की यादों को ताजा कर रहा है. सभापति के तौर पर उनकी सेवाओं को विशिष्ट करार देते हुए उन्होंने कहा कि अंसारी ने सदन को चलाने की जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया.

अंसारी की अपनी विशिष्ट शैली

नेता विपक्ष गुलाम नबीआजाद ने कहा कि अंसारी ने अपने लंबे कैरियर में विभिन्न भूमिकाओं में देश की सेवा की और उनके मिजाज, सोच और राजनयिक अनुभवों का सदन को लगातार दस वर्षों तक लाभ मिला. विपक्ष के नेता के तौर पर सभापति के साथ करीब से काम करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि श्री अंसारी ने अपनी विशिष्ट शैली में सदन को अलग ढंग से चलाया.

समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने कहा कि उच्च सदन के काम करने का तरीका पहले से काफी बदल गया है लेकिन अंसारी ने इस जिम्मेदारी को बहुत अच्छे तथा निष्पक्ष ढंग से निभाया. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने सभापति के रूप में अंसारी द्वारा की गई अभिनव पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि इनके कार्यकाल में ही सदन की कार्यवाही का समय एक घंटे बढ़ाकर शाम छह बजे किया गया. 

जनता दल यू के अली अनवर अंसारी ने कहा कि अंसारी ने उप सभापति पी जे कुरियन के साथ मिलकर बहुत अच्छे तरीके से सदन की कार्यवाही चलायी. मार्क्‍सवादी सीताराम येचुरी ने लोकपाल विधेयक को पास कराने के समय हुए नाटकीय घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि जब रात बारह बजे सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित की तो उन्हें अच्छा नहीं लगा लेकिन अंसारी ने सभापति के रूप में कई काम ऐसे किए जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा. बहुजन समाज पार्टी के वीर सिंह ने कहा कि अंसारी के नेतृत्व में काम करना सौभाग्य की बात है. उन्होंने पूरे समर्पण भाव से राष्ट्र की सेवा की है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के माजीद मेनन ने कहा कि अंसारी ने कई बार पाइंट ऑफ आर्डर के नाम पर‘कॉज ऑफ डिसआर्डर’ होने से बचाया है. द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि उन्हें अंसारी के साथ करने सौभाग्य प्राप्त हुआ है.

समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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