गुजरात राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव मंगलवार को
गुजरात का रास चुनाव भाजपा-कांग्रेस के लिए ‘महाभारत’ बन गया है.
![]() बेंगलुरू : गुजरात रवाना होने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे कांग्रेस विधायक. |
प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में जबरदस्त राजनीतिक गहमागहमी के बीच भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का बड़ा प्रश्न बन गयी राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मंगलवार को मतदान होगा. राज्यसभा चुनाव से पहले बेंगलुरू में प्रवास कर रहे गुजरात से कांग्रेस के सभी 44 विधायक सोमवार सुबह वापस लौट आए. सभी को आणंद के एक रिजोर्ट में ले जाया गया.
राज्य की तीन सीटों में से एक पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, एक पर स्मृति ईरानी और एक पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल प्रत्याशी हैं. पटेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव भी हैं. उनकी जीत पर कांग्रेस हाईकमान और पूरी पार्टी की इज्जत दांव पर लगी हुई है. कांग्रेस ने उनको जिताने के लिए सारे घोड़े खोल दिए हैं जबकि भाजपा उन्हें किसी भी कीमत पर राज्यसभा नहीं पहुंचने देना चाह रही है. 27 और 28 जुलाई को कांग्रेस के 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद इनमें से तीन भाजपा में शामिल हो गए थे जिनमें से एक बलवंत सिंह राजपूत भी हैं जो अहमद पटेल के मुकाबले खड़े हैं.
इसके बाद ही कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर हर तरह के दबाव के जरिए इसके विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास का आरोप लगाते हुए 44 विधायकों को बेंगलुरू भेज दिया था. सोमवार तड़के यहां सरदार वल्लभ भाई पटेल हवाई अड्डे पर पहुंचे सभी विधायकों को कड़ी सुरक्षा के बीच एक लग्जरी बस में तथा कांग्रेस के ही करीब 500 युवा कार्यकर्ताओं की देखरेख में आणंद बोरसद रोड पर स्थित निजानंद रिजोर्ट ले जाया गया.
एनसीपी को लेकर संशय बरकरार
एनसीपी को लेकर संशय बरकरार है.. एनसीपी महासचिव तारिक़ अनवर ने कहा है कि विधायकों का समर्थन कांग्रेस के साथ होगा. विधायकों का कहना है कि उन्हें पार्टी की तरफ से बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन देने को कहा गया है.
वाघेला बोले- पटेल अब भी मेरे दोस्त
राज्यसभा चुनाव में किसे वोट दिया जाए इस पर कांग्रेस के पूर्व विधायक शंकर सिंह वाघेला ने चुप्पी साध ली है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि अहमद पटेल अब भी उनके ‘दोस्त‘ हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हर वोटर अपने वोट का मालिक है. इसलिए, मैं यह खुलासा नहीं करना चाहता कि किसको वोट दूंगा.‘‘
वाघेला के लिए यह चुनाव बड़ा असमंजस भरा है. दरअसल, उन्हें रिश्तेदार और दोस्त में से किसी एक को वोट देना है. ऐसा इसलिए क्योंकि, हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए बलवंत सिंह राजपूत वाघेला के रिश्ते में समधी हैं.
पटेल का संकट
पटेल को जीतने के लिए 45 मत चाहिए. उनकी पार्टी के पास वर्तमान में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इनमें से कोई भी अगर क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या नोटा विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, उस स्थिति में भी कांग्रेस को पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त मत की जरूरत होगी. कांग्रेस एनसीपी के दो विधायकों और जदयू एवं गुजरात परिवर्तन पार्टी के एक-एक विधायक के समर्थन की उम्मीद कर रही है.
भाजपा का व्हिप
भाजपा ने भी अंतत: व्हिप जारी कर दिया. इसने भी मुख्य विपक्षी कांग्रेस की तरह अपने विधायकों के नोटा के विकल्प के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. भाजपा ने यह भी दावा किया है कि इसका व्हिप पार्टी के कथित बागी विधायक नलिन कोटडिया, जो इसमें विलय हुई गुजरात परिवर्तन पार्टी की टिकट पर पिछला चुनाव जीते थे, पर भी तकनीकी तौर पर लागू होता है.
पार्टी के सचेतक पंकज देसाई ने बताया कि पार्टी ने अपने विधायकों को मतदान के लिए उपस्थित रहने, अपने तीन प्रत्याशियों को ही वोट देने और नोटा का इस्तेमाल नहीं करने के लिए व्हिप दिया है जो इसके सभी 122 विधायकों पर लागू होता है जिसमें तकनीकी तौर पर कोटाडिया भी शामिल हैं.
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