कांग्रेस ने राहुल पर आरोप लगाने वाली बरखा को दिखाया बाहर का रास्ता
कांग्रेस ने शुक्रवार को बरखा सिंह शुक्ला को पार्टी विरोधी गतिविधयों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया.
बरखा सिंह शुक्ला (फाइल फोटो) |
बरखा ने एक दिन पहले ही कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.
पूर्व मंत्री नरेंद्र नाथ की अध्यक्षता में दिल्ली इकाई की अनुशासन समिति ने यह फैसला लिया. समिति ने बरखा को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया.
पार्टी ने बयान जारी कर कहा, "डीपीसीसी की अनुशासन समिति ने बैठक में सर्वसम्मति से बरखा सिंह को एमसीडी चुनाव से पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने की वजह से छह वर्षो के लिए पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया."
कांग्रेस 2015 के विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद नगर निगम चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है.
गुरूवार को बरखा सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा के साथ ही यह स्पष्ट किया था कि वे कांग्रेस में अब भी हैं, हर कार्यकर्ता को अपनी बात कहने का हक है, पार्टी किसी एक व्यक्ति की नहीं है. सिंह ने यह भी कहा था कि उनका अभी भाजपा या अन्य किसी भी पार्टी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है.
दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह ने इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा था, "राहुल गांधी और अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने वोट जुटाने के लिए महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा के मुद्दे का इस्तेमाल किया. इसकी गंभीरता से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है."
उन्होंने कहा था, "एक ऐसे संगठन में जहां मैं खुद असुरक्षित हूं तो मैं संगठन की अन्य महिलाओं को कैसे सशक्त करूंगी? इसलिए मैं दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रही हूं."
बरखा ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा था, "वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अयोग्य हैं."
यह लगाए आरोप
- चाटुकारों से घिरे रहते हैं, कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते. घंटों के बाद भी मुलाकात का समय न निकाल पाने वाले राहुल के पास होटल में पार्टी का वक्त है.
- माकन ने मेरे व पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ किया है र्दुव्यव्यहार. महिला सशक्तिकरण का नारा महज वोट जुटाने के लिए.
| Tweet |