बाबरी विध्वंस मामला : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की

Last Updated 19 Apr 2017 07:59:46 PM IST

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू आदि ने हिस्सा लिया.

समझा जाता है कि बैठक में देश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई. लेकिन सू़त्र ने बैठक के मुद्दे को स्पष्ट नहीं किया. उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने भाजपा के शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती आदि के खिलाफ लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को बुधवार को स्वीकार कर लिया है जिससे वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में इन्हें अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा.

न्यायालय ने नेताओं और 'कारसेवकों' के खिलाफ लंबित मामलों को भी इस मामले में शामिल कर दिया और कहा कि कार्यवाही दो साल में पूरी हो जानी चाहिए. अदालत के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने कैबिनेट से उमा भारती के इस्तीफे की मांग की.

केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में उमा भारती के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया, साथ ही इसका राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों के चयन पर किसी तरह का प्रभाव पड़ने की संभावना को 'काल्पनिक' बताया.

जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ''यह मामला 1993 से चल रहा है. किसी न किसी तरह से यह चल रहा है और कोई नयी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. इसलिए जो स्थिति है, वह जारी रहेगी.''

उनसे अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में जल संसाधन मंत्री उमा भारती के कैबिनेट से इस्तीफे और राजस्थान के राज्यपाल पद से कल्याण सिंह के इस्तीफे की संभावना के बारे में पूछा गया था. 



यह पूछे जाने पर कि इस मामले में आरोपपत्र के बाद क्या सिंह और उमा भारती को इस्तीफा दे देना चाहिए, जेटली ने पलट कर पूछा कि अगर यह मापदंड हो, तब कांग्रेस के वर्तमान मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि अगर आरोपपत्र नियम है (इस्तीफा देने का), तब अनुमान लगायें कि कांग्रेस के कितने मुख्यमंत्रियों को जाना पड़ेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या अदालत के आदेश से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों के चयन पर प्रभाव पडेगा, जेटली ने कहा कि यह काल्पनिक प्रश्न है. उल्लेखनीय है कि इन शीर्ष दो संवैधानिक पदों की उम्मीदवारी के लिए आडवाणी और जोशी का नाम चर्चा में रहा है.

भाषा


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