दूसरा चंपारण सत्याग्रह नीतीश, लालू के खिलाफ होगा : अनंत कुमार
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने मोतिहारी में बुधवार को कहा कि पहला चंपारण सत्याग्रह अंग्रेजों को भगाने के लिए किया गया था, परंतु अब दूसरा चंपारण सत्याग्रह नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की सरकार के खिलाफ होगा.
![]() केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार (फाइल फोटो) |
इस बीच उन्होंने यहां सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलॉजी कॉलेज खोलने की भी घोषणा की. बिहार में महात्मा गांधी के \'चंपारण सत्याग्रह\' के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह के तहत मोतिहारी में \'किसान महाकुंभ\' कार्यक्रम के समापन समारोह में आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केवल यहां जमीन उपलब्ध कराए तो चंपारण विकास की एक नई कहानी लिखेगा.
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने राज्य सरकार पर विकास में अड़ंगा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सत्याग्रह और आंदोलन ऐसे लोगों के खिलाफ किया जाए.
इस मौके पर उन्होंने यहां सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नलाजी कॉलेज खोलने की भी घोषणा की. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस संस्थान का नाम \'चंपारण सत्याग्रह शताब्दी संस्थान\' होगा. इस पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस संस्थान के खुलने से यहां की प्रतिभा का अन्यत्र पलायन रुकेगा." इसी के साथ उन्होंने यहां के लिए 50 जन औषधि केंद्र खोले जाने की भी बात कही.
इसके पूर्व उन्होंने समापन सत्र का विधिवत शुभारंभ किया. इस मौके पर एक सप्ताह तक चले विभिन्न कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त युवक-युवतियों को प्रमाण-पत्र बांटे गए. समापन समारोह के पूर्व अनंत कुमार ने गांधी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विकास की राशि खर्च नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि किसान अब जवाब मांगेंगे.
उन्होंने कहा, "केवल गांधी जी की बात करने से कुछ नहीं होगा, अगर गांधी जी को लेकर भाषण देते हैं तो आचरण भी करना होगा."
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की चर्चा करते हुए उन्होंने अपनी गाड़ी से लाल बत्ती उतरवाने की घोषणा की.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के सात निश्चयों में किसान और किसान हित की चर्चा तक नहीं है, इसी से उनका किसान विरोधी रवैया उजागर होता है.
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह का आगाज 13 अप्रैल को \'स्वतंत्रता सेनानी सम्मान\' कार्यक्रम से हुआ था. इस दौरान किसान मेला सह प्रदर्शनी, कौशल विकास प्रदर्शनी व पुस्तक प्रदर्शनी का भी यहां आयोजन किया गया.
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