मधुमेह से निपटने में दवाओं से अधिक स्वस्थ जीवनशैली कारगर : अध्ययन

Last Updated 03 Jul 2025 08:29:12 PM IST

मधुमेह की बीमारी से निपटने के लिए शर्करा रोधी दवा मेटफॉर्मिन के उपयोग की तुलना में स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अधिक प्रभावी है तथा इसके लाभ 20 वर्ष बाद भी बने रहते हैं। यह एक अध्ययन में खुलासा हुआ है।


अमेरिकी मधुमेह रोकथाम कार्यक्रम 1996 में शुरू किया गया और इसमें 22 राज्यों के 30 संस्थानों से ‘प्रीडायबिटीज’ के 3,234 रोगियों को पंजीकृत किया गया। अध्ययन का उद्देश्य मेटफॉर्मिन और जीवनशैली में बदलाव के लाभों की तुलना करना था जिसमें व्यायाम और स्वस्थ आहार शामिल था।

अमेरिका के न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जीवनशैली में बदलाव करने से पूर्ण मधुमेह की स्थिति पैदा होने में 24 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मधुमेह-रोधी दवा से यह दर महज 17 प्रतिशत रही।

इस अनुसंधान पत्र के निष्कर्षों को ‘द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

अध्ययन के मुताबिक दोनों तरीकों - मेटफॉर्मिन लेना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना - के बीच अंतर अध्ययन के शुरू होने के पश्चात कुछ प्रारंभिक वर्षों में देखा गया और यह स्थायी था।

इसके मुताबिक पहले तीन वर्षों के बाद, जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि वजन कम करना और शारीरिक गतिविधि बढ़ाने के कारण टाइप 2 मधुमेह के मामलों में 58 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मेटफॉर्मिन के कारण 31 प्रतिशत की कमी आई।

न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय से संबद्ध ‘स्कूल ऑफ मेडिसिन’ के एमेरिटस प्रोफेसर और अनुसंधानपत्र लेखक लेखक वल्लभ राज शाह ने कहा, ‘‘आंकड़ों से ज्ञात होता कि जिन लोगों को मधुमेह नहीं हुआ था, उन्हें 22 साल बाद भी मधुमेह नहीं हुआ।’’

उन्होंने कहा कि जीवनशैली में सुधार करने वाले समूह के प्रतिभागी 3.5 साल अतिरिक्त बिना मधुमेह रहे जबकि मेटफॉर्मिन लेने वाले समूह के प्रतिभागी को यह लाभ केवल 2.5 वर्ष का मिला।    

शाह ने कहा, ‘‘तीन साल के भीतर (अध्ययन शुरू होने के बाद), उन्हें अध्ययन रोकना पड़ा क्योंकि जीवनशैली मेटफॉर्मिन से बेहतर थी। इसका अभिप्राय है कि जीवनशैली, जिस पर हर कोई भरोसा कर रहा है, अधिक प्रभावी है।’’

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment