डायबिटीज, बीपी है तो व्रत में रखें इन खास बातों का ध्यान

Last Updated 03 Oct 2019 12:31:10 PM IST

व्रत रखने के धार्मिक महत्व होने के अलावा इसके आयुर्वेद में कई लाभ भी बताए गए हैं लेकिन अगर आप डायबिटीज, बीपी या दिल की बीमारी से पीड़ित है तो व्रत रखना आपके लिए स्वास्थ्य सबंधी परेशानी भी खड़ी कर सकता है


व्रत रखने के धार्मिक महत्व होने के अलावा इसके आयुर्वेद में कई लाभ भी बताए गए हैं लेकिन अगर आप डायबिटीज, बीपी या दिल की बीमारी से पीड़ित है तो व्रत रखना आपके लिए स्वास्थ्य सबंधी परेशानी भी खड़ी कर सकता है इसलिए डायबिटीज, बीपी या दिल की बीमारी के रोगियों को व्रत रखने से पहले अपने डाक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
डायबिटीज से पीड़ित रोगी अगर लगातार कई दिन तक उपवास रखते हैं, तो आपका शरीर जीवनशैली में अचानक से आए इस बदलाव को कई बार झेल नहीं पाता है। आमतौर पर व्रत में काफी देर तक भूखे और प्यासे रहना पड़ता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए इतना लंबा समय भूखा रहना चुनौतियों भरा होता है। मगर फिर भी अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप इस दौरान होने वाली परेशानियों को कम कर सकते हैं।

हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा: जब डायबिटीज के रोगी उपवास करते हैं, तो उन्हें आम दिनों की तुलना में कई घंटों तक खाली पेट रहना पड़ता है  इस वजह से डायबिटीज रोगियों के शरीर में शुगर का लेवल बहुत कम हो जाता है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए व्रत के दौरान आप अपना शुगर लेवल चैक करते रहें।

हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण: शुगर कम होने के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। आमतौर पर 70 एमजी या इससे नीचे रक्त शर्करा आने पर कुछ लक्षण महसूस होने लगते हैं। जैसे- अचानक पसीना आना, शरीर में कमजोरी या कंपन होना, दिल की धड़कनें तेज होना आदि। ब्लड शुगर लेवल का बहुत ज्यादा घट जाना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है यहां तक कि इसके कारण कोमा की स्थिति भी पैदा हो सकती है।

ऐसे रोगी ना रखें व्रत: ऐसे रोगी जो टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन ले रहे हों, उन्हें डाक्टर की सलाह के बगैर उपवास रखने का निर्णय नहीं लेना चाहिए। विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिनकी ब्लड शुगर नियंत्रण में न हो। जिन लोगों को डायबिटीज से संबंधित अन्य परेशानियां जैसे किडनी, लिवर या फिर हृदय रोग है, उनके लिए उपवास रखना सही नहीं है।

ना भूले आप बीमार हैं: डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को व्रत के दौरान कम कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा ज्यादा वसा और ज्यादा नमक वाले आहारों से भी बचना चाहिए। खाने को तल कर बनाने के बजाय ज्यादातर चीजों को बेक और गिल्र करके बनाएं। इससे आप ज्यादा वसा खाने से बचेंगे। व्रत के दौरान बाजार में मिलने वाली नमकीन और चिप्स का सेवन न करें, क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे बेहतर है कि आप घर पर ही भोजन बनाएं। जब डायबिटीज के रोगी व्रत रखते हैं तो शुगर बढ़ने के अलावा डिहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए लंबे व्रत के बाद तुरंत कुछ ठोस खाने से पहले आपको नींबू पानी, नींबू शर्बत या ग्लूकोज वाटर पीना चाहिए। व्रत के दौरान आपको कैफीन वाले ड्रिंक्स पीने से बचना चाहिए।

डाक्टर की सलाह है जरूरी: डायबिटीज, बीपी और हाई ब्लड प्रेशर वालों को व्रत करने से पहले डाक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। डाक्टर आपकी दवाओं की खुराक में परिवर्तन कर सकते हैं । डाक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें। डायबिटीज के ऐसे रोगी जो दवा अथवा इंसुलिन थेरेपी पर निर्भर हैं, उनके लिए दिन में तीन से चार बार ब्लड शुगर की जांच करना आवश्यक है। ग्लूकोमीटर के जरिए उपवास के दौरान नियमित रूप से घर पर ही शुगर की जांच की जा सकती है। इसी प्रकार समय-समय पर बीपी की जांच भी घर पर करते रहें। अगर ब्लड शुगर में बहुत वृद्धि हो रही हो या वह बहुत घट रही हो, तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं।

दिल के रोगी भी बरतें सावधानी: जिन मरीजों को दिल की समस्या हैं, उन्हें आलू के पकौड़े और आलू के प्रोसैस्ड चिप्स जैसी तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए।

 

प्रभा किरन


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