फेसबुक ने खरीदा मशीन को दिमाग से नियंत्रित करने पर काम करने वाले स्टार्टअप को

Last Updated 24 Sep 2019 12:44:38 PM IST

अभी हम कंप्यूटर या मोबाइल फोन इत्यादि का इस्तेमाल या तो टचस्क्रीन से या कीबोर्ड से करते हैं। थोड़ा बहुत इस्तेमाल बोल कर निर्देश देने से भी करवा सकते हैं। लेकिन सोचिए कैसा हो कि आप सिर्फ अपने दिमाग में कुछ सोचें या शरीर से हरकत करें (जेस्चर्स) और आपका कंप्यूटर या मोबाइल उस काम को पूरा कर दे।


जल्द ही यह एक हकीकत भी बन सकता है। फेसबुक ने इस प्रौद्योगिकी पर काम करने वाले एक स्टार्टअप को खरीदने का सौदा किया है। अब सीटीआरएल-लैब्स फेसबुक की रियल्टी लैब्स का हिस्सा है।    

 फेसबुक के उपाध्यक्ष (वचरुअल रियल्टी) एंड्रयू बोसवर्थ ने बताया कि सीटीआरएल-लैब्स दिमाग से मशीनों को नियंत्रित करने की प्रौद्योगिकी पर काम कर रही है। फेसबुक का मकसद इस प्रौद्योगिकी को संपूर्णता प्रदान करना और इसे उपभोक्ता उत्पादों में लेकर आना है।      

उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि दुनिया में प्रौद्योगिकी और उपकरणों के साथ संवाद करने के कई और प्राकृतिक एवं सहज तरीके हैं। हम उन्हें विकसित करना चाहते हैं। इस काम को पूरा करने का दृष्टिकोण एक ऐसी कलाई की घड़ी है जो लोगों को उनके प्राकृतिक एवं सहज हाव-भाव के आधार पर उपकरणों का नियंतण्रप्रदान कर सके।’’

बोसवर्थ ने इसे समझाते हुए बताया कि यह कलाई घड़ी असल में दिमाग द्वारा हाथ की मांसपेशियों को भेजे जाने वाले संदेशों के इलेक्ट्रिक स्वरूप को इस तरह से समझेगी जैसे कि माउस या कीबोर्ड के बटन दबाने के संदेश। बाद में यह इन संदेशों को समझकर इस प्रौद्योगिकी का समर्थन करने वाले उपकरणों पर प्रस्तुत करेगी।  

यह उपकरण आपके हाव-भाव और इच्छा को समझने में सक्षम होगा। तो यदि आप अपने दोस्तों के साथ फोटो साझा करने की इच्छा रखेंगे तो यह उसे समझकर इसे फार्वड कर देगा।

 

एएफपी
सान फ्रांसिस्को


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