तालिबान सरकार का बड़ा आदेश- अफगानिस्तान में इंटरनेट बंद, मोबाइल नेटवर्क भी ठप
अफगानिस्तान में 29 सितंबर से तालिबान सरकार के आदेश पर इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। काबुल, मजार-ए-शरीफ, हेरात और उरुजगान जैसे शहरों में फाइबर-ऑप्टिक सेवाएं ठप हैं।
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अफगानिस्तान में सोमवार को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अनैतिकता पर तालिबान की कार्रवाई के मद्देनजर इंटरनेट सेवाओं को संभावित रूप से देशव्यापी स्तर पर बंद कर दिया गया है।
तालिबान के अगस्त 2021 में सत्ता पर काबिज होने के बाद यह पहली बार है जब अफगानिस्तान में इस तरह की बंद की कोई कार्रवाई हुई है।
इस महीने की शुरुआत में तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा द्वारा अनैतिकता को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करने के बाद कई प्रांतों के ‘फाइबर-ऑप्टिक कनेक्शन’ बंद हो गए।
इंटरनेट के इस्तेमाल, उस तक पहुंच का समर्थन करने वाले संगठन ‘नेटब्लॉक्स’ ने सोमवार को बताया कि इंटरनेट के इस्तेमाल के संबंध में मौजूदा वास्तविक जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान में ‘कनेक्टिविटी’ सामान्य स्तर के 14 प्रतिशत तक गिर गई और देशभर में टेलीकॉम सेवाओं में लगभग पूर्ण व्यवधान देखा जा रहा है।
संगठन ने कहा, ‘‘यह कार्रवाई बाहरी दुनिया से संपर्क करने की जनता की क्षमता को गंभीर रूप से सीमित कर सकती है।’’
न्यूज एजेंसी अपने काबुल ब्यूरो के साथ-साथ पूर्वी और दक्षिणी प्रांतों नंगरहार और हेलमंद में संवाददाताओं से संपर्क नहीं कर सका।
तालिबान सरकार की ओर से इंटरनेट बंद की कोई पुष्टि नहीं की गई है, जो अपने बाहरी और आंतरिक संचार के लिए ‘मैसेजिंग ऐप’ और सोशल मीडिया पर बहुत अधिक निर्भर करती है।
निजी ‘स्थानीय न्यूज टीवी चैनल’ ने कहा कि सूत्र पुष्टि करते हैं कि सोमवार से पूरे देश में ‘फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट’ काटा जा सकता है।
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