रूस से तेल खरीद मामले में नरम पड़े ट्रंप, भारत समेत अन्य देशों पर लगे एक्सट्रा टैरिफ वापस लेने के दिए संकेत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि हो सकता है कि अमेरिका रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखने वाले देशों पर द्वितीयक शुल्क नहीं लगाए। ऐसी आशंकाएं थीं कि यदि अमेरिका ने द्वितीयक शुल्क लागू किया तो उससे भारत प्रभावित हो सकता था।
![]() अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप |
ट्रंप ने कहा, खैर, उन्होंने (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने) एक तेल ग्राहक खो दिया, जो भारत है, जो लगभग 40 प्रतिशत तेल का आयात कर रहा था।
चीन, जैसा कि आप जानते हैं, बहुत अधिक (आयात) कर रहा है और अगर मैंने द्वितीयक शुल्क लगाया तो यह उनके लिए बहुत विनाशकारी होगा।
अगर मुझे यह करना पड़ा, तो मैं करूंगा। शायद मुझे यह करना न पड़े। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने यह बयान पुतिन के साथ एक महत्वपूर्ण शिखर बैठक के लिए अलास्का जाते समय ‘एयर फ़ोर्स वन’ (विशेष विमान) में ‘फॉक्स न्यूज’ को दिया। यह बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बिना किसी भी सहमति के समाप्त हो गई।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने बुधवार को कहा था कि यदि शिखर बैठक में ट्रंप और पुतिन के बीच चीजें ठीक नहीं रहीं, तो रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लग सकते हैं।
बेसेंट ने बुधवार को ‘ब्लूमबर्ग’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन से हर कोई निराश है। हमें उम्मीद थी कि वह ज्यादा खुलकर बातचीत करेंगे। ऐसा लग रहा था कि वह संवाद के लिए तैयार हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, हमने रूसी तेल खरीदने के लिए भारतीयों पर द्वितीयक (अतिरिक्त) शुल्क लगा दिया है। मुझे लगता है कि अगर चीजें ठीक नहीं रहीं, तो अतिरिक्त शुल्क बढृ सकते हैं।
प्रतिबंधों में बढ़ोतरी या कटौती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बेसेंट ने कहा, प्रतिबंध बढाए जा सकते हैं, उन्हें कम किया जा सकता है। उनकी एक निश्चित अवधि हो सकती है। वे अनिश्चितकाल तक जारी रह सकते हैं।
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