Operation Sindoor: पाकिस्तान ने सशस्त्र बलों को भारतीय हमलों का ‘बदला’ लेने के लिए कार्रवाई करने की दी छूट
Operation Sindoor: पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने बुधवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों को भारतीय सैन्य हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की मौत का बदला लेने के लिए ‘‘अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से’’ जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।
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भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि पंजाब प्रांत और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के शहरों पर आधी रात के बाद किए गए मिसाइल हमलों और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी में 31 लोग मारे गए और 57 अन्य घायल हो गए।
बहावलपुर में संगठन के मुख्यालय पर हुए हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के 10 परिवार के सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सभी सेनाओं के प्रमुखें और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
एनएससी के एक बयान में चेतावनी दी गई कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-51 के अनुरूप, पाकिस्तान को भारतीय हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की मौत का बदला लेने के लिए, आत्मरक्षा में ‘‘अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से’’ जवाब देने का अधिकार है।
एनएससी के बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।’’
बयान में कहा गया है कि एनएससी की बैठक में इस हमले को भारत की ‘‘बिना उकसावे वाली’’ और ‘‘गैरकानूनी’’ कार्रवाई बताया गया और कहा गया कि एनएससी ‘‘स्पष्ट रूप से इसकी निंदा करती है।’’
बयान में इसे पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन करार दिया गया, ‘‘जो स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध की कार्रवाई है।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘भारतीय सेना द्वारा निर्दोष महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना एक जघन्य अपराध है, जो मानव व्यवहार के सभी मानदंडों और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है।’’
इसमें कहा गया है कि एनएससी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत की ‘‘बिना उकसावे वाली कार्रवाई की गंभीरता पर ध्यान देने तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के उसके घोर उल्लंघन के लिए उसे (भारत को) जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।’’
बयान कहा गया है कि ‘‘काल्पनिक आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी की आड़ में’’ भारतीय हमले में जानबूझकर नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई और मस्जिदों सहित बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा।
एनएससी के बयान में दावा किया गया कि भारत के हमलों से खाड़ी देशों की एयरलाइन को भी गंभीर खतरा पैदा हुआ, जिससे विमान में सवार हजारों यात्रियों की जान जोखिम में पड़ गई।
साथ ही दावा किया गया कि इसके अलावा, नीलम-झेलम पनबिजली परियोजना को भी अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर निशाना बनाया गया।
एनएससी के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में आतंकवादी ठिकानों के भारतीय आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज किया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने 22 अप्रैल के हमले के संबंध में विश्वसनीय, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के लिए प्रस्ताव दिया था, जिसे ‘‘दुर्भाग्य से स्वीकार नहीं किया गया।’’
पाकिस्तानी सेना का पांच भारतीय विमानों को नष्ट करने का दावा
बाद में संसद के एक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने पांच भारतीय विमानों को नष्ट कर दिया। हालांकि, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया।
प्रधानमंत्री ने ‘‘त्वरित प्रतिक्रिया’’ के लिए पाकिस्तानी वायुसेना और उसके प्रमुख की सराहना करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों को भारत की योजनाओं के बारे में पहले से खुफिया जानकारी थी।
बुधवार रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने दावा किया कि संख्यात्मक श्रेष्ठता और ताकत के बावजूद पाकिस्तान पर हमला करने के लिए भारत को "भारी कीमत चुकानी पड़ी।"
पाकिस्तान ने मानी हार
ब्लूमबर्ग टेलीविजन के मुताबिक, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगर नयी दिल्ली स्थिति को सामान्य कर दे तो पाकिस्तान भारत के साथ तनाव समाप्त करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, "हम पिछले दो सप्ताह से लगातार कह रहे हैं कि हम भारत के प्रति कभी भी कोई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे, लेकिन अगर हम पर हमला किया गया तो हम जवाब देंगे। अगर भारत पीछे हटता है तो हम निश्चित रूप से इस तनाव को खत्म कर देंगे।"
पाकिस्तान पूर्ण युद्ध नहीं चाहता
आसिफ ने ‘कनेक्ट द वर्ल्ड’ कार्यक्रम में सीएनएन की बेकी एंडरसन से कहा कि पाकिस्तान पूर्ण युद्ध से बचने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने छह स्थानों पर हमला किया।
उन्होंने कहा कि बहवलपुर के अहमदपुर ईस्ट में 13 लोग मारे गए और 37 अन्य घायल हो गए, जहां सुभान अल्लाह मस्जिद पर हमला किया गया। मुरीदके में तीन लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया।
मुजफ्फराबाद में बिलाल मस्जिद पर हुए हमले में तीन लोग मारे गए और दो घायल हो गए। कोटली में हुए हमले में दो युवक मारे गए, जबकि दो लोग घायल हो गए।
सेना प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत की ओर से नियंत्रण रेखा पार से की गई गोलीबारी में पांच नागरिक मारे गए।
लाहौर से लगभग 40 किलोमीटर दूर मुरीदके में, सेना के जवानों और हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के सदस्यों ने तीन लोगों के अंतिम संस्कार में भाग लिया, जिनके बारे में माना जाता है कि वे जमात-उद-दावा के सदस्य थे, जो आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर हमलों में मारे गए।
पाकिस्तान ने हमले के बाद सभी तरह की उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को 48 घंटे के लिए बंद करने का ऐलान किया, लेकिन विमानन अधिकारियों ने आठ घंटे की रोक के बाद हवाई क्षेत्र को फिर से खोल दिया।
विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इसहाक डार ने इस्लामाबाद स्थित राजदूतों को भारतीय हमलों के बारे में जानकारी दी।
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