Operation Sindoor: विश्व नेताओं ने भारत-पाकिस्तान से संयम बरतने का किया आह्वान
भारत की आर्मी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं। भारत सरकार ने कहा है कि सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ये कार्रवाई की है।
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत विश्व के नेताओं ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने का आह्वान किया और उम्मीद जताई कि शत्रुता ‘‘बहुत जल्द’’ समाप्त हो जाएगी।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार देर रात को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर भी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान से ‘‘अधिकतम सैन्य संयम’’ बरतने का आह्वान करते हुए कहा कि दुनिया दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।
महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘महासचिव नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया है। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शत्रुता ‘‘बहुत जल्द’’ समाप्त हो जाएगी।
ट्रंप ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है। हमने इसके बारे में तब सुना जब हम ओवल (राष्ट्रपति के कार्यालय) के दरवाजे की ओर रुख कर रहे थे। मुझे लगता है कि लोगों को अतीत के आधार पर पता था कि कुछ होने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे (भारत और पाकिस्तान) लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप वास्तव में इसके बारे में सोचें, तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास दोनों देशों के लिए कोई संदेश है तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं बस उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्द खत्म हो जाए।’’
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
रूस ने भी पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बढ़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
सरकारी समाचार एजेंसी ने रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से कहा, ‘‘हम पहलगाम शहर के पास हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव से बेहद चिंतित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्र में स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के प्रावधानों के अनुसार द्विपक्षीय आधार पर शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से सुलझाया जाएगा।’’
इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के एक बयान के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात ने भारत और पाकिस्तान से ‘‘संयम बरतने, तनाव कम करने और आगे इस तरह के तनाव को बढ़ने देने से बचने के लिए कहा, जो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बन सकती है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘महामहिम ने सैन्य टकराव को रोकने, दक्षिण एशिया में स्थिरता को मजबूत करने और संवाद तथा आपसी समझ के जरिए क्षेत्रीय तनाव से बचने का आह्वान करने वालों की बात पर ध्यान देने के महत्व पर जोर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महामहिम ने पुष्टि की कि कूटनीति और संवाद, संकटों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने और शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए राष्ट्रों की साझा आकांक्षाओं को प्राप्त करने का सबसे प्रभावी साधन बने हुए हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘महामहिम ने जोर दिया कि संयुक्त अरब अमीरात क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान प्राप्त करने और उनके मानवीय परिणामों को कम करने के उद्देश्य से सभी पहलों का समर्थन करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा।’’
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने कहा कि सरकार पिछले महीने कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
शीर्ष सरकारी प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हमें इस बात की बहुत चिंता है कि आगे की जवाबी कार्रवाई एक पूर्ण सैन्य संघर्ष में बदल जाएगी।’’
स्थानीय न्यूज के हवाले से कहा, ‘‘हम भारत और पाकिस्तान से दृढ़तापूर्वक आग्रह करते हैं कि वे संयम बरतें और दक्षिण एशिया की शांति एवं स्थिरता के लिए बातचीत के जरिए स्थिति को स्थिर करें।’’
ब्रिटेन ने बुधवार को कहा कि वह संवाद और तनाव कम करने की दिशा में भारत और पाकिस्तान दोनों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया और बीबीसी से कहा कि विदेश मंत्री डेविड लेमी ने दोनों देशों से संपर्क किया है।
रेनाल्ड्स ने कहा, “हम दोनों देशों के मित्र हैं, साझेदार हैं। हम दोनों देशों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। दोनों देशों की क्षेत्रीय स्थिरता, वार्ता और तनाव कम करने में गहरी रुचि है और हम इसके समर्थन में जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री जॉन स्विनी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैं आज रात कश्मीर में हुई घटनाओं से बहुत चिंतित हूं और संघर्ष से बचने के लिए शांति व बातचीत का आग्रह करता हूं।"
स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री का पद प्रधानमंत्री के समकक्ष होता है।
लेबर पार्टी की सरकार के सांसदों में से स्टेला क्रेसी ने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया और कहा, “भारत सरकार द्वारा आज रात जम्मू कश्मीर में सैन्य हवाई हमले किए जाने से मैं बहुत चिंतित हूं। दुनिया इस संघर्ष को बढ़ता देख चुप नहीं रह सकती और साथ ही इस क्षेत्र में निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुंचने का खतरा भी बढ़ रहा है। सभी संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए।”
कंजर्वेटिव पार्टी के लॉर्ड तारिक अहमद ने ‘‘युद्ध के लिए पूरी संभावना’ की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर पर मिसाइल हमले "दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच तनाव को बढ़ाने वाला कदम है - आज रात युद्ध की संभावना वास्तविक है।"
उन्होंने एक्स पर लिखा, "हमें इस संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत की आवश्यकता है, जिसके न केवल क्षेत्र बल्कि व्यापक विश्व के लिए गंभीर परिणाम होंगे।"
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