यूक्रेन में शांति लाने में मदद करेगा भारत : स्विटजरलैंड
यूक्रेन में शांति लाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यूक्रेन में संघर्ष खत्म करने के लिए स्विटजरलैंड अगले महीने एक प्रमुख शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है।
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फासेल ने भारतीय वार्ताकारों के साथ व्यापक बातचीत की और शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री को न्यौता दिया। सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए एक रास्ता तैयार करना है। स्विटजरलैंड ने 15 और 16 जून को होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए 160 से अधिक देशों को निमंत्रण दिया है।
फासेल ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘भारत दुनिया का मित्र है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वास्तव में उम्मीद है कि भारत इस (शांति) प्रक्रिया में योगदान दे सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘भारत शांति का मित्र है। भारत के पास संघर्ष परिवर्तन और शांति संवर्धन का बहुत अच्छा अनुभव है। वास्तव में उम्मीद यह है कि हम साथ मिलकर काम कर सकते हैं और भारत के समर्थन पर भरोसा कर सकते हैं।’
शीर्ष स्विस राजनयिक ने कहा कि भारत ने मौजूदा संसदीय चुनावों के मद्देनजर अभी तक शिखर सम्मेलन में भाग लेने का फैसला नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘स्विट्जरलैंड ने बग्रेस्टॉक में होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 160 से अधिक देशों राष्ट्र प्रमुखों और सरकार के प्रमुखों को आमंत्रित किया है। हमें पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इसमें शामिल हो सकेंगे।’
शीर्ष स्विस राजनयिक ने कहा, ‘फिलहाल, भारतीय पक्ष चुनाव के कारण निर्णय लेने या प्रतिबद्धता व्यक्त करने की स्थिति में नहीं है।’
फासेल ने रूस के साथ ही यूक्रेन के साथ भी भारत के करीबी संबंधों का जिक्र किया और उम्मीद जताई कि नई दिल्ली इस शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में शांति लाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने में भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, ‘भारत ‘वैश्विक दक्षिण’ का नेता है।
दुनिया भर में कूटनीतिक दृष्टि से भारत का दबदबा और प्रभाव है जिसका उसने जी20 की अध्यक्षता के दौरान विधिवत प्रदर्शन किया।’
स्विस राजनयिक ने कहा, ‘जमीन तैयार करने और एक रूपरेखा तैयार करने के लिए भारत के योगदान की बहुत उम्मीद है, बहुत प्रतीक्षा की जा रही है - एक कार्ययोजना की जो इस संघर्ष को बातचीत के जरिए समाधान की ओर ले जाएगी।’
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