पाकिस्तान ने विवादित खालिस्तानी अलगाववादी को सिख समिति से हटाया
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के विवादास्पद महासचिव गोपालसिंह चावला को पद से हटा दिया गया है। वह उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं है जो वाघा में भारत के साथ दूसरे चरण की वार्ता कर रहा है।
विवादास्पद महासचिव गोपालसिंह चावला |
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते और उसके संचालन पर चर्चा करने के लिए दूसरे दौर की वार्ता की।
करतारपुर गलियारा खुलने के बाद सिख श्रद्धालुओं के आने को लेकर पाकिस्तान ने दस सदस्यीय पीएसजीपीसी में खालिस्तानी अलागववादियों को नामित किया था जिसके बाद भारत ने दो अप्रैल को होने वाली दूसरे चरण की वार्ता रद्द कर दी थी।
भारत ने समिति में खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि वह इस मुद्दे पर इस्लामाबाद के जवाब का इंतजार करेगा और बैठक नहीं करेगा।
ईवैक्यूई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘चावला को महासचिव पद से हटा दिया गया है और वह पीएसजीपीसी का सदस्य नहीं रहा। चावला उस पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं है जो वाघा में दूसरे चरण की वार्ता में हिस्सा ले रहा है।’’
ईटीपीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो विभाजन के बाद भारत में बसने वाले हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों तथा मंदिरों का प्रबंधन करता है।
अधिकारी ने बताया कि पीएसजीपीसी के प्रधान तारासिंह को भी हटा दिया गया है और नए अध्यक्ष तथा महासचिव का चुनाव करने के लिए जल्द ही नया चुनाव होगा।
अधिकारी ने बताया, ‘‘चावला को हटाना इमरान खान सरकार द्वारा नुकसान की भरपाई करने का कदम दिख रहा है।’’ उन्होंने बताया कि वह इतना विवादित हो गया कि इमरान खान सरकार पूरे पीएसजीपीसी में सुधार लाने के लिए मजबूर हो गई।
चावला को गत नवंबर में लाहौर से 125 किलोमीटर दूर नरोवाल में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने वाले कार्यक्रम में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ देखा गया था।
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