दुनिया को उत्तर कोरिया की विकृत तानाशाही का बंधक नहीं बनाने देंगे: ट्रंप

Last Updated 16 Nov 2017 08:11:47 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकल्प किया कि वे उत्तर कोरिया की विकृत तानाशाही को परमाणु ब्लेकमेल के जरिए दुनिया को बंधक नहीं बनाने देंगे.


(फाईल फोटो)

एशिया की 12 दिवसीय पहली यात्रा के बाद टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया उनकी प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर है.

सितंबर महीने में उत्तर कोरिया द्वारा सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण करने के बाद कोरियाई प्रायदीप में तनाव एकाएक बढ़ गया. इस परीक्षण को सरकारी केसीएनए समाचार एजेंसी ने हाइडोजन बम का परीक्षण करार दिया था.

इसके साथ ही उन्होंने निश्चय किया कि प्योंगयांग का परमाणु निरस्त्रीकरण करने के लिए अधिकतम वैश्विक दबाव बनाएंगे.

ट्रंप ने हाल में चीन की यात्रा के दौरान कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने और कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तर कोरिया सरकार पर अपने आर्थिक प्रभाव का इस्तेमाल करने का भरोसा दिलाया था.

ट्रंप ने कहा,   राष्ट्रपति शी ने स्वीकार किया कि उत्तर कोरिया, चीन के लिए बड़ा खतरा है.  

ट्रंप ने कहा कि हम इस बात पर सहमत हुए कि हम तथाकथित 'फ्रीज फॉर फ्रीज' समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे. ऐसे समझौते अतीत में लगातार विफल हुए हैं. हमारा मानना है कि समय बीत रहा है और हमारे सामने सभी विकल्प खुले हैं. 



अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने दक्षिण कोरिया की नेशनल असेम्बली को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि हम इस (उत्तर कोरिया की) विकृत तानाशाही को परमाणु ब्लेकमेल के जरिए दुनिया को बंधक नहीं बनाने देंगे.

ट्रंप और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जॉन्ग उन एक दूसरे को धमकाते और एक दूसरे का अपमान करते रहते हैं और इसमें हाल के दिनों में इजाफा हुआ है. उधर, प्योंगयांग ऐसी परमाणु संपन्न मिसाइल को विकसित करने की फिराक में है जो अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम हो.

भाषा


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