स्वप्न

Last Updated 29 May 2019 05:15:16 AM IST

आप स्वप्न एक बेहोशी में बुनी हुई कल्पना है। कुछ लोगों ने कई बार सपनों का प्रयोग अपने मन के उन विभिन्न आयामों में जाने के लिए किया है, जिन तक सामान्य रूप से उनकी पहुंच नहीं होती।




जग्गी वासुदेव

तो वहां प्रवेश करने के लिए उन्हें स्वप्न एक अच्छे साधन के रूप में लगते हैं। विशेष रूप से कुछ संस्कृतियों में, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया की एबओरिजिन जनजाति तथा उत्तर अमेरिका की कुछ जनजातियों ने सपनों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया, लेकिन उन सपनों का उपयोग केवल तांत्रिक प्रक्रियाओं में ही कर सके।

असल रहस्यवाद हुआ ही नहीं। भारत में कल्पना शक्ति का प्रयोग शक्तिशाली रूप से तांत्रिक प्रक्रियाओं में होता है। बहुत से लोग तांत्रिक प्रक्रियाओं का प्रयोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे हैं। लेकिन इनका प्रयोग कुछ अद्भुत कामों के लिए भी हो सकता है। स्वप्न आपके मन का बस एक और आयाम है। केवल तब जब आप उसके पार जाते हैं तो ही उस आयाम को छू पाते हैं, जिसे आजकल रहस्यवाद के नाम से जाना जाता है। रहस्यवाद वह है, जिसे आप अपने भौतिक शरीर या मन से छू नहीं सकते।

आपके मन की इतनी योग्यता है ही नहीं। शरीर की भी यह योग्यता नहीं है। आपके अंदर एक नये आयाम को जागृत होना होगा जिससे आप रहस्यवाद के आयाम को छू सकें। बेहतर होगा कि हम इसे उस तरीके से समझें, नहीं तो हर सपने को, हर काल्पनिक परिस्थिति को रहस्यवाद कह दिया जाएगा। स्वप्न एक तरह का साधन है, लेकिन बहुत ही नाजुक साधन है। हमारे पास और भी बेहतर साधन हैं पर उनका उपयोग करने के लिए मनुष्य को अपने अंदर बेहतर ढंग से व्यवस्थित होना होगा।

उदाहरण के लिए मैं इस तरह से हूं, अगर मैं अपनी आंखें बंद कर लेता हूं तो मेरे लिए दुनिया गायब हो जाती है। लोग पूछते हैं,‘यह कैसे संभव है’? बस, यही तो पलकों का काम है। ये आपको इसीलिए दी गई हैं। जब आप इन्हें बंद कर लेते हैं, तो सब कुछ खत्म हो जाना चाहिए। जैसे, आपके घर में एक खिड़की है। जब आप उसे बंद करते हैं तो इतना शक्तिशाली सूर्य भी बाहर बंद हो जाता है, उसका प्रकाश अंदर नहीं आ सकता। अगर एक खिड़की यह काम कर सकती है तो पलकें क्यों नहीं? ये इसलिए ऐसा नहीं कर पाती क्योंकि आपने अपने अंदर एक झूठी दुनिया बना रखी है।



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