प्रारब्ध कार्य
हममें से ज्यादातर लोगों को नींद में सपने आते हैं. लेकिन यह बताना मुश्किल है कि ये सपने सिर्फ हमारी इच्छाओं से जुड़ें हैं या फिर यह सपने ऐसी चीजों की ओर भी इशारा कर सकते हैं, जो आपके साथ होने वाली हैं.
जग्गी वासुदेव |
सपनों की दुनिया के रहस्यों से परदा उठाते हुए सद्गुरु ने सपनों की कुछ श्रेणियां बताई, जिनमें से पहली श्रेणी के बारे में आप पढ़ चुके हैं. सपनों की जो दूसरी श्रेणी है वह प्रारब्ध से जुड़ी है. इसमें आपके प्रारब्ध आपके सामने प्रकट होते हैं.
प्रारब्ध का अर्थ यह है कि आपके उस तंत्र में बहुत बड़ी मात्रा में यादें जमा रहती हैं, जिसे हम कार्मिंक संरचना या कार्मिंक शरीर कहते हैं. अगर ये सभी यादें एक साथ आपके जीवन में आ जाएं तो आपका दिमाग फट सकता है. ये यादें इतनी अधिक होती हैं कि इन्हें किसी के लिए भी संभालना मुश्किल होता है. तो यह प्रारब्ध है, जो प्रकट हो रहा है और यही चीज रात में सपनों के रूप में घटित हो रही है.
ऐसे सपनों में हर तरह की अजीब घटनाएं शामिल हो सकती हैं. तीस साल पहले मेरे साथ ऐसा ही हुआ था. यह बड़ा ही अजीब अनुभव था. अचानक कई जन्मों की यादें एक साथ मेरे मन में तेजी से आने लगीं. ऐसा लग रहा था कि मेरा दिमाग फट जाएगा. वह इतना जबरदस्त था कि उसे संभालना बहुत ही मुश्किल था. पर मुझे एक बहुत ही गहरा अनुभव हुआ था, जिसकी वजह से मैं उसे संभाल पाया.
प्रकृति ने, या कहें कि आपके ही तंत्र ने एक ऐसा रास्ता निकाला है कि आपको अपने याददाश्त के एक हिस्से से ही एक बार में निपटना होता है. दरअसल, यही प्रारब्ध है. गांवों में अगर किसी के साथ कुछ ऐसा नहीं होता है, जो उन्होंने सोचा हो, तो वह कहते हैं-अरे ये तो मेरा प्रारब्ध है. इसका मतलब है कि प्रारब्ध में जो यादें हैं, वे अपना काम कर रही हैं.
जो आपके अंदर अंकित है, वह अब आपके सामने उभर कर आ रहा है और घटित हो रहा है. आपके हर दिन के व्यवहार में, आपकी सोच में, आपकी भावनाओं में, ये यादें उभर कर घटित होती रहती हैं. यहां तक कि आपका शरीर कैसा महसूस करता है, ये भी इसी से जुड़ा है. हर दिन सुबह जब आप जागते हैं तो न केवल आपके शरीर की मांसपेशियां बल्कि पूरा शरीर ही एक खास तरीके से महसूस करता है. अगर आप ध्यान से देखें तो आप पाएंगे कि यह अहसास हर दिन बिल्कुल अलग होता है.
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