बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर, अपने रूमानी अंदाज से दर्शकों को बनाया दीवाना

Last Updated 30 Apr 2020 11:08:10 AM IST

ऋषि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। उन्हें बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।


बालीवुड के सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। ऋषि लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित थे और पिछले साल सितंबर में इलाज कराकर अमेरिका से लौटे थे।

ऋषि कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक भी थे।

4 सितंबर 1952 को मुंबई में जन्में ऋषि कपूर को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता राज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता और निर्माता-निर्देशक थे। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण ऋषि कपूर का रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे । ऋषि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत अपने पिता की निर्मित फिल्म ..मेरा नाम जोकर ..से की । वर्ष 1970 में प्रदर्शित इस फिल्म में ऋषि कपूर ने 14 वर्षीय लड़के की भूमिका निभाई जो अपनी शिक्षिका से प्रेम करने लगता है । अपनी इस भूमिका को उन्होंने इस तरह निभाया कि दर्शक भावविभोर हो गये।फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गए।



वर्ष 1973 में अपने पिता राज कपूर के बैनर तले बनी फिल्म..बॉबी ..से बतौर अभिनेता ऋषि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनकी नायिका की भूमिका डिंपल कपाड़िया ने निभाई। बतौर अभिनेत्री डिंपल की भी यह पहली ही फिल्म थी। बेहतरीन गीत..संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबर्दस्त कामयाबी ने न सिर्फ डिंपल बल्कि ऋषि कपूर को भी शोहरत की बुंलदियों पर पहुंचा दिया।

फिल्म बॉबी की सफलता के बाद ऋषि कपूर की जहरीला इंसान, जिंदादिल और राजा जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण ये फिल्में टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म खेल खेल में की कामयाबी के बाद ऋषि कपूर बतौर अभिनेता अपनी खोई हुई पहचान बनाने में कामयाब हो गए। कॉलेज की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर की नायिका की भूमिका अभिनेत्री नीतू सिंह ने निभाई।



फिल्म खेल खेल में की कामयाबी के बाद ऋषि कपूर और नीतू सिंह की जोड़ी दर्शको के बीच काफी मशहूर हो गई। ऋषि और नीतू की जोड़ी ने रफूचक्कर, जहरीला इंसान, जिंदादिल, कभी-कभी, अमर अकबर एंथनी, अनजाने, दुनिया मेरी जेब में, झूठा कहीं का, धन दौलत, दूसरा आदमी आदि फिल्मों में युवा प्रेम की भावनाओं को निराले अंदाज में पेश किया। वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म अमर अकबर एंथोनी ऋषि कपूर के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना जैसे मंझे हुए कलाकारों की मौजूदगी में भी ऋषि कपूर ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको को दीवाना बना दिया। मनमोहन देसाई के निर्देशन में बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर अकबर इलाहाबादी की भूमिका में दिखाई दिए।

इस फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत पर्दा है पर्दा आज भी सर्वश्रेष्ठ कव्वाली के तौर पर शुमार किया जाता है।

वर्ष 1977 में ही ऋषि कपूर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म 'हम किसी से कम नही' प्रदर्शित हुई। नासिर हुसैन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर डांसर सिंगर की भूमिका में दिखाई दिए। इस फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत बचना ए हसीनों लो मै आ गया आज भी श्रोताओं को झूमने को मजबूर कर देता है। वर्ष 1979 में के.विश्वनाथ की श्री श्री मुवा की हिंदी में रिमेक फिल्म सरगम ऋषि कपूर के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई।

फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए अपने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से उन्हें नामांकित किया गया। वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म कर्ज ऋषि कपूर की सुपरहिट फिल्म में शुमार की जाती है।

सुभाष घई के निर्देशन में पुनर्जन्म पर आधारित इस फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत ओम शांति ओम दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत से जुड़ा दिलचस्प तथ्य यह है कि इसे कोलकाता के नेताजी सुभाषचंद्र स्टेडियम में फिल्माया गया था और गाने के दौरान ऋषि कपूर एक घूमते हुए डिस्क पर नृत्य करते है। वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म प्रेम रोग में ऋषि कपूर के अभिनय के नए रूप देखने को मिले।

यूं तो यह फिल्म नारी प्रधान थी इसके बावजूद उन्होंने अपने भावपूर्ण अभिनय से दर्शको का दिल जीतकर फिल्म को सुपरहिट बना दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित भी किए गए। वर्ष 1985 में प्रदर्शित फिल्म तवायफ ऋषि कपूर के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। फिल्म में जबरदस्त अभिनय के लिए ऋषि कपूर को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म चांदनी ऋषि कपूर अभिनीत महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है।

यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर ने फिल्म के शुरूआत में जहां चुलबुला और रूमानी अभिनय किया, वहीं फिल्म के मध्यांतर में एक अपाहिज की भूमिका में संजीदा अभिनय से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित भी किए गए। वर्ष 1996 में ऋषि कपूर ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखकर प्रेम ग्रंथ का निर्माण किया। यह फिल्म हालांकि टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई , लेकिन इसमें ऋषि कपूर के अभिनय को जबरदस्त सराहना मिली।



वर्ष 1999 में ऋषि कपूर ने फिल्म आ अब लौट चले का निर्माण और निर्देशन किया। दुर्भाग्य से यह फिल्म भी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म कारोबार की असफलता के बाद और अभिनय में एकरूपता से बचने तथा स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप मे भी स्थापित करने के लिए ऋषि कपूर ने स्वयं को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया।

वर्ष 2009 में प्रदर्शित फिल्म लव आज कल में अपने दमदार अभिनय के लिए ऋषि कपूर को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। ऋषि कपूर ने अपने चार दशक के लंबे सिने करियर में लगभग 150 फिल्मों में अभिनय किया है। ऋषि की इस वर्ष 102 नॉट आउट और मुल्क जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई जिसमें उनके अभिनय के विविध रंग देखने को मिले।

बता दें कि साल 2018 में ऋषि कपूर को पहली बार कैंसर का पता चला था, जिसके बाद अभिनेता लगभग एक साल तक न्यूयॉर्क में रहे थे। वह ठीक होने के बाद सितंबर 2019 में भारत लौटे थे। स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

समय लाइव डेस्क/वार्ता
मुंबई


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