अयोध्या : स्थानीय अर्थव्यवस्था को पंख
अंतत: वह घड़ी भी बहुत करीब आ पहुंची है, जिसका इंतजार हिंदू धर्मावलंबी पिछले लगभग 500 वर्षो से कर रहे हैं।
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5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन जी भागवत के सानिध्य में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। अब 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी मोहन जी भागवत की उपस्थिति में अयोध्या में नव निर्मिंत प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। भारत ही क्या बल्कि पूरे वि में ही हिंदू धर्मावलंबी अति उत्साहित हैं एवं पूरे भारत में वातावरण राममय होने जा रहा है।
अयोध्या में निर्माणरत श्रीराम मंदिर पूरे वि में निवासरत हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए न केवल विशाल आस्था के एक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है बल्कि यह देश में धार्मिंक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त लाभ होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। वर्तमान में 2.5 करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष अयोध्या में पहुंचते हैं। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो जाने के पश्चात पर्यटकों की यह संख्या 10 गुना तक बढ़ सकती है।
एक पर्यटक यदि अयोध्या में रहते हुए 2000 रु पए का खर्च भी करता है तो 50,000 करोड़ रुपए का व्यापार अकेले अयोध्या में प्रतिवर्ष होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। धार्मिंक पर्यटन के साथ ही पूरे वर्ष भर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कई प्रकार के भव्य समारोह भी अयोध्या में आयोजित होने लगेंगे, इससे कुल मिलाकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रु पए का व्यापार केवल अयोध्या में ही होने लगेगा। अयोध्या में होटल और रिजोर्ट का निर्माण करने के लिए 20 प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को प्राप्त हो चुके हैं, इनमें कई फाइव स्टार होटल भी शामिल हैं। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आधारभूत ढांचा एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी विकसित किया जा रहा है। अयोध्या रेलवे स्टेशन को विकसित कर लिया गया है।
उक्त वर्णित व्यवस्थाओं के विकसित होने के पश्चात अयोध्या में बढ़ने वाले धार्मिंक पर्यटन से लाखों की संख्या में नए रोजगार के अवसर निर्मिंत होने जा रहे हैं। प्रतिवर्ष लगभग 25 करोड़ पर्यटकों के अयोध्या पहुंचने से स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे व्यवसायियों को भी अपार आर्थिक लाभ होगा। धर्मशाला, होटल, यातायात व्यवस्था, खाद्य सामग्री, फल-फूल आदि अन्य कई प्रकार के पदाथरे की मांग बढ़ेगी, जिसकी आपूर्ति बनाए रखने के लिए कई प्रकार के छोटे उद्योग धंधे भी अयोध्या के आसपास के गावों में विकसित होंगे। फल, सब्जी, फूल आदि पदाथरे की पैदावार भी ग्रामीण इलाकों में होने लगेगी, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को भी भरपूर लाभ होने लगेगा। अपने आप में अयोध्या आस्था के केंद्र के साथ-साथ एक वाणिज्यिक केंद्र के रूप में भी विकसित होने जा रहा है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रभु श्रीराम तो अपने मंदिर में बिराजेंगे ही, साथ ही इस क्षेत्र में निवास कर रहे नागरिकों को भी आर्थिक रूप से अत्यधिक लाभ होने जा रहा है। अयोध्या में पूरे वि से पर्यटकों के आने से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तो जैसे पंख ही लग जाएंगे। भारत में अयोध्या की तर्ज पर ही अन्य धार्मिंक स्थल भी विकसित किए गए हैं। वाराणसी में काशी विनाथ कॉरिडोर विकसित किया जा चुका है। गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। पावागढ़ गुजरात में ही मां कालका मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। उत्तराखंड में केदारनाथ धाम प्रोजेक्ट पर भी कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। असम में माता कामाख्या कॉरिडोर बन रहा है।
भारत के पर्यटन मंत्रालय के एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2021-22 में भारत में पर्यटन गतिविधियों से 1.34 लाख करोड़ रुपए की आय हुई है, जबकि वर्ष 2020-21 में धार्मिंक पर्यटन से 65,000 करोड़ रु पए की आय हुई थी। इस प्रकार भारत में विकसित किए विभिन्न धार्मिंक स्थलों के कारण पर्यटन की गतिविधियों से आय मात्र एक वर्ष के अंतराल में ही दोगुनी से भी अधिक हो गई है।
सेंटर फोर सोशल इम्पैक्ट एंड फिलान्थ्रोपी के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में विभिन्न मंदिरों को मिलने वाला घरेलू दान 14 प्रतिशत बढ़कर 27,000 करोड़ रु पए का हो गया है। विशेष रूप से वाराणसी में काशी विनाथ कॉरिडोर के विकसित किए जाने के बाद से मंदिर को मिलने वाला दान 500 प्रतिशत बढ़ गया है। पूरे वि में यह मंदिर हिन्दू सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बनने जा रहा है। यह मंदिर हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण आस्था का केंद्र बनने के साथ पर्यटन के एक विशेष केंद्र के रूप में भी विकसित होने जा रहा है, इसलिए प्रभु श्रीराम की कृपा से करोड़ों व्यक्तियों की मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ-साथ लाखों लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
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