भारतीय जनता पार्टी स्थापना दिवस पर विशेष : मोदी के संकल्प से भाजपा का लक्ष्य हुआ सिद्ध
आज भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस है तो यह कहना बेहद जरूरी हो जाता है कि विश्व की सबसे विशालतम पार्टी बनाने का श्रेय शहर से लेकर गांव तक, गांव के एक-एक बूथ तक और एक-एक घर तक भारतीय जनता पार्टी के परचम को लहराने का श्रेय किसी को जाता है तो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।
![]() भारतीय जनता पार्टी स्थापना दिवस |
ऐसे में जब अपोजिशन भी इस बात का लोहा मानने लगे तो यह बात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। आज भारतीय जनता पार्टी के शीषर्स्थ नेता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं और उनके नेतृत्व में आज भारत की बात दुनिया का हर देश वजन के साथ सुनता और समझता है। साथ ही आज पूरी दुनिया का ध्यान यूक्रेन की तरफ है और यूक्रेन को लेकर जो शांति बहाल करने के कूटनीतिक प्रयास हो रहे हैं, उसका भी केंद्र भारत बना हुआ है। इसका भी श्रेय मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देता हूं।
ऐसे भारत के निर्माण के लिए प्रतिज्ञाबद्ध होना जो, सुदृढ़, समृद्ध और स्वावलंबी राष्ट्र हो, जिसका दृष्टिकोण आधुनिक, प्रगतिशील और प्रबुद्ध हो, जो अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों से प्रेरणा ग्रहण करता हो तथा ऐसी महान विश्व शक्ति के रूप में उभरने में समर्थ हो जो विश्व शांति तथा न्याययुक्त अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था को स्थापित करने के लिए विश्व के राष्ट्रों में अपनी प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन कर सके, इसी पुण्य उद्देश्य को अपना ध्येय निर्धारित कर 1980 में 06 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी अस्तित्व में आई।
यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर भारत इस वर्ष अपनी स्वाधीनता की 75वीं वषर्गांठ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रहा है। स्वाधीनता के 75 वर्ष बाद भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान स्वरूप की स्थापना को 42 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन 42 वर्षो में हम यहां तक पहुंचे हैं कि जिस भारत के निर्माण की प्रतिज्ञा कर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गई थी, राष्ट्र निर्माण का वह स्वप्न फलीभूत होता प्रतीत हो रहा है।
भारतीय जनता पार्टी का इतिहास मात्र 42 वर्ष पुराना नहीं है, भारतीय जनता पार्टी का इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 21 अक्टूबर 1951 को हुई। स्थापना काल से ही भारतीय जनसंघ ने राष्ट्रवाद को लेकर लगातार संघर्ष किया। राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बन चुकी धारा 370 का पार्टी संस्थापक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने पुरजोर विरोध किया और उन्होंने विशेष परमिट के विरोध में बिना परमिट कश्मीर जाने का निश्चय किया। परिणामस्वरूप शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर सरकार ने उन्हें 11 मई, 1953 को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और कुछ दिन बाद 23 जून, 1953 को उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में जेल में ही मृत्यु हो गई। इस बलिदान के बाद भी पार्टी ने राष्ट्रवादी नीतियों से कोई समझौता नहीं किया, बल्कि डॉ मुखर्जी के बलिदान को कश्मीर से धारा 370 को हटाने के दृढ़ संकल्प के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ राष्ट्रहित के लिए लगातार संघषर्शील रही।
26 जून, 1975 को अभिमान में डूबी इंदिरा गांधी ने ‘शॉक ट्रीटमेंट’ का नाम देते हुए लोकतंत्र की हत्या कर देश में आपातकाल घोषित कर दिया, तब भारतीय जनसंघ ने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, स्वर्गीय अरुण जेटली समेत पार्टी के अधिकांश पदाधिकारियों ने जेल में रहते हुए राष्ट्रवाद की आवाज बुलंद की। अंतत: मजबूर होकर इंदिरा गांधी को 19 माह बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा करनी पड़ी। जय प्रकाश नारायण के आह्वान पर जनता पार्टी नाम से एक नए राष्ट्रीय दल का गठन किया गया। राष्ट्रहित में जनसंघ ने भी अपना विलय जनता पार्टी में कर दिया। जनता पार्टी का गठन एक राजनैतिक प्रयोग था, जिसमें अलग-अलग विचारधाराओं का मिलन असफल साबित हुआ। अत: भारतीय जनसंघ को नवगठन कर भारतीय जनता पार्टी के रूप में आना पड़ा।
संस्थापक अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पार्टी ने राष्ट्रहित के लिए स्थापना दिवस से ही संघर्ष प्रारंभ कर दिया। भारत की जनता द्वारा भारतीय जनता पार्टी को आशातीत सफलता भी मिलती रही। जहां 1989 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 85 सांसद थे, वहीं 1991 में बढ़ कर 120 और 1996 में 161 सांसद संख्या तक पहुंच गई और पहली बार भारतीय जनता पार्टी की एक अल्पकालीन सरकार भी अस्तित्व में आई। भाजपा ने 1999 में पूरे देश से 182 लोकसभा सदस्य संख्या के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का गठन कर 306 लोकसभा सदस्यों के समर्थन से सरकार गठन किया, पोखरण परमाणु परीक्षण, अग्नि मिसाइल का प्रक्षेपण, स्वर्णिम चतुर्भुज समेत राष्ट्रीय राजमागरे का तीव्र निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और उद्योग के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए।
श्री जगत प्रकाश नड्डा की कुशल अध्यक्षता में आज 18 करोड़ से अधिक कार्यकर्ताओं वाली भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक शक्ति है, विश्व में सर्वाधिक जन समर्थन प्राप्त राजनैतिक दल होने के साथ ही यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम संस्थाओं ने विश्व का सबसे लोकप्रिय जन नेता माना है, देश में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार होने के साथ ही देश के 16 राज्यों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सत्ता में है।
भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य केवल सत्ता प्राप्ति नहीं है, तभी तो आज भारतीय जनता पार्टी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, एकात्म मानववाद और पंचनिष्ठा की सम्यक विचारधारा के सामने अधिकांश राजनैतिक दल विचारधारा को लेकर शून्यता के शिकार हैं। भारत के आर्थिक और सामाजिक भविष्य को सुरक्षित रखने के साथ तीव्र विकास में बाधक बढ़ती जनसंख्या पर प्रभावी नियंत्रण, देश में समानता स्थापित करने हेतु सभी के लिए समान न्याय प्रावधान के साथ प्रगति के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ भारतीय जनता पार्टी भारत को विश्व में उचित स्थान दिलाने के लिए कृत संकल्पित है, भविष्य में मानव कल्याण के लिए विश्व का नेतृत्व भारत को करना है, विश्व को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर ले जाने हेतु भारत की भूमिका पथप्रदशर्क के रूप में तैयार करने का भागीरथ प्रयास भाजपा द्वारा सतत चलता रहेगा।
(लेखक प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एवं वर्तमान में भाजपा विधायक हैं)
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