भाजपा : मोदी के नेतृत्व में उत्तरोत्तर
भारत के पश्चिमी घाट को मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर मैं यह भविष्यवाणी करने का साहस करता हूं-‘अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा’-6 अप्रैल, 1980 भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रथम अध्यक्षीय उद्बोधन में जो ये बातें कही थीं, वे आज पूर्ण रूप से चरितार्थ हो रही हैं, जिसकी अनुभूति कर देशवासी आह्लादित हो रहे हैं।
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अटल-आडवाणी की जोड़ी द्वारा बोए गए बीज को पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं ने चार दशकों तक सींचा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह एवं भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश ने विशाल वृक्ष के रूप में विस्तार दिया।
अपने 42 साल के इतिहास में देश के लिए समर्पण भाव, दृढ़ इच्छाशक्ति और कुशल रणनीति के फलस्वरूप देश की तमाम समस्याओं का समाधान भाजपा के शासन में हुआ। राम मंदिर विवाद का स्थायी समाधान हो चुका है। राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी का ‘एक देश-एक निशान-एक विधान-एक प्रधान’ का सपना जम्मू कश्मीर से 370 हटाकर पूरा किया जा चुका है। ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगा कर मुस्लिम महिलाओं को सम्मान से जीने का अधिकार दिया गया है। 1984 के चुनाव में पार्टी को सिर्फ दो सीट मिलीं लेकिन पार्टी, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और एकात्म मानववाद के मूलमंत्र के साथ भारतीय राजनीति में निखरती गई।
1989 में भाजपा 85 तो 1991 में 120 सीटें जीतने में सफल रही। 1996 में 161 और 1998 में 182 सीटें मिलीं। भाजपा ने 2014 में 282 सीटों के साथ अपने दम पर सरकार बनाई तो 2019 में और अधिक दमदार विजयश्री मिली। पार्टी ने 2019 के लोक सभा चुनाव में अकेले 303 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता हासिल की है। कहा जाता रहा है कि भाजपा दूसरी राजनीतिक पार्टयिों से भिन्न विशेष विचारधारा वाली पार्टी है तो यह बात केवल कहने भर की नहीं है। भाजपा अपने समर्पित कार्यकर्ता और विचारधारा के प्रति निष्ठा के आधार पर निरंतर आगे बढ़ रही है। देश भर में ऐसे हजारों समर्पित कार्यकर्ताओं की फौज है, जो जीवन भर अविवाहित रहकर घर-परिवार और एर्यपूर्ण जीवन का त्याग कर संन्यासी की भांति राष्ट्र का भारत माता के रूप में वंदन करते हैं। भाजपा भारत को सुख-समृद्धिशाली राष्ट्र बनाने के लिए कृतसंकल्पित है।
भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों में पार्टी की गहन आस्था और विश्वास है। समाज का सभी वगरे का हित हो, किसी भी एक वर्ग का तुष्टिकरण व वोट बैंक की राजनीति पार्टी को कतई स्वीकार नहीं है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वंचित वर्ग का उत्थान पार्टी का मुख्य उद्देश्य है। भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर चल रही है। आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, उजाला, सौभाग्य, किसान सम्मान निधि समेत विविध योजनाओं के माध्यम से भाजपा की सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने के लिए काम कर रही है। 1996, 1998 और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी। देश की शासन व्यवस्था में सुशासन को भी स्थापित किया। इस समय 543 सदस्यीय लोक सभा में भाजपा के 303 सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, असम, त्रिपुरा, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा, अरु णाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार है।
बिहार, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम एवं मिजोरम में भाजपा के नेतृत्व में राजग की सरकार हैं। अपने 18 करोड़ सदस्यों के साथ भाजपा भारत ही नहीं, विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। इसके सदस्यों की संख्या से दुनिया के आठ देशों की आबादी ही ज्यादा है। भारतीय राजनीति के युगपुरु ष के रूप में स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में जो लकीर खींची, उसने पार्टी को अपनी वैचारिक पृष्ठभूमि के आधार पर नई दिशा दिखाई। श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन में भाजपा ने अपनी हिस्सेदारी निभाई तो आडवाणी जी ने सोमनाथ से रथयात्रा निकाल कर देश में चेतना जगाई। मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकालकर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए पार्टी ने बड़े आंदोलन का बिगुल फूंका।
संगठन के महान शिल्पी कुशाभाऊ ठाकरे के नेतृत्व में भाजपा 1999 के लोक सभा चुनाव में सफलता हासिल की और वाजपेयी के नेतृत्व में पूर्णकालिक चलने वाली सरकार बनी। बंगारू लक्ष्मण और जन. कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में दक्षिण भारत में भाजपा का प्रसार हुआ। वेंकैया नायडू के अध्यक्षीय काल में पार्टी का विस्तार जारी रहा। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता मिली। राजनाथ सिंह के अध्यक्षीय कालखंड में पार्टी देश की राजनीति में निरंतर मजबूती हासिल करते हुए बढ़ती रही। नितिन गडकरी के नेतृत्व में भी पार्टी प्रगति-पथ पर लगातार अग्रसर रही। 2014 के लोक सभा चुनाव में भाजपा को 282 सीटों पर जीत मिलीं। देश में भाजपा की स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है। धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा इत्यादि से ऊपर उठ कर समाज के सभी वगरे का जुड़ाव भाजपा से हुआ है। अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने सफलता के शिखर तक सफर किया। 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों पर जीत हासिल की और वोट प्रतिशत भी रिकॉर्ड 37.76 तक पहुंचा। कई राज्यों में भाजपा का वोट प्रतिशत 50% से अधिक रहा। पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में पहली बार भाजपा की सरकार बनी। भाजपा का प्रसार पूरे देश में हुआ कि जनता से दूर होती जा रही विरोधी दलों की लोकप्रियता बहुत नीचे गिर गई।
वर्तमान अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में कोरोना जैसी महामारी के दौरान पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘सेवा ही संगठन’ के मंत्र के साथ देश के लोगों के दिल में जगह बनाई। इस वर्ष विधानसभाओं के हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार सारे मिथकों को तोड़ते हुए भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत का आंकड़ा पार किया। मणिपुर में पहली बार भाजपा ने अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। गोवा में लगातार तीसरी बार अधिक सीट और वोट शेयर के साथ भाजपा की वापसी हुई है। भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जन-जन के कल्याण एवं देश के सर्वांगीण विकास की परिकल्पना को चरितार्थ करते हुए भारतवर्ष को विश्व गुरु के पद पर पुन: प्रतिष्ठित करने के लिए कटिबद्ध है।
(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख व राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं)
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