टीकाकरण : भारत से सीखें विकसित देश

Last Updated 27 Jan 2022 05:39:11 AM IST

वैश्विक महामारी कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है, और इस बीमारी से बचाव का सबसे कारगर और एकमात्र बेहतर उपाय है टीकाकरण।


टीकाकरण : भारत से सीखें विकसित देश

हालांकि इस बीमारी से निपटने के लिए विकसित और अमीर देश जो तरीके अपना रहे हैं, वे लापरवाही से भरे हैं, और आज सवालों के घेरे में हैं। इन देशों को लगता है कि अगर अपने नागरिकों को टीका दे देंगे तो हम इस महामारी पर विजय हासिल कर लेंगे। लेकिन वे यह नहीं समझ रहे हैं कि टीकाकरण अभियान सुरक्षा चक्र की तरह है, जिसके दायरे में दुनिया के सभी लोगों को लाना होगा। ऐसा नहीं होगा तो यह बीमारी बार-बार सर उठाएगी और सामने आकर तबाही मचाती रहेगी। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि कोई छूटे नहीं, सुरक्षा चक्र टूटे नहीं।  
असल में कोरोना महामारी से निपटने के लिए अमीर देशों को डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में चलने वाले कोवैक्स कार्यक्रम के तहत दुनिया के गरीब देशों को टीका मुहैया कराना है। हालांकि अमीर देश जो टीका उपलब्ध करा रहे हैं, वो ऐसा है जिसकी एक्सपायरी डेट जल्द ही खत्म होने वाली होती है, जिसके कारण गरीब देश टीका वापस कर रहे हैं। यूनिसेफ के मुताबिक दिसम्बर, 2021 में ही गरीब देशों ने दान में मिली 10 करोड़ से ज्यादा खुराक लेने से इंकार कर दिया। गरीब देशों द्वारा टीका वापस किए जाने की घटना निश्चित रूप से बड़ी समस्या है, जिस पर दुनिया के सभी देशों को भरपूर ध्यान देने और भारत से सीख लेने की जरूरत है। दुनिया के विकसित और अमीर देशों को समझना होगा कि सिर्फ  अपने यहां के लोगों को शत-प्रतिशत टीका देकर वे सुरक्षित नहीं रह सकते। उन्हें समझना होगा कि इस बीमारी से बचने के लिए दुनिया की सभी पात्र आबादी का टीकाकरण जरूरी है। ऐसा नहीं होगा तो यह वायरस दुनिया से कभी जाएगा नहीं और बार-बार आएगा। इससे न सिर्फ लोगों की मौत होती रहेगी, बल्कि अर्थव्यवस्थाओं को भी नुकसान होगा। इसका खमियाजा अमीर देशों को भी भुगतना पड़ेगा और कहने की जरूरत नहीं कि लंबे समय तक इस नुकसान की भरपाई संभव नहीं हो सकेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस एडनाम का भी मानना है कि अगर अमीर देश अपनी केवल अपनी ही आबादी का टीकाकरण करते रहे तो कोरोना कभी खत्म नहीं हो सकेगा। ऐसे में यह और भी जरूरी हो जाता है कि सभी देशों को कोरोना का टीका मिले ताकि सभी लोग सुरक्षित रह सकें।

एक ओर जहां आज अमीर देश अपने नागरिकों को बुस्टर डोज लगाने के चरण में पहुंच गए हैं, वहीं गरीब देश अब भी वैक्सीन को तरस रहे हैं। स्थिति यह है कि अफ्रीका के 30 से ज्यादा देशों की 10 प्रतिशत आबादी भी अब तक पूरी तरह से वैक्सीनेट नहीं हुई है। ऐसा नहीं है कि अमीर देशों के पास टीका नहीं है। उनके पास अपने इस्तेमाल के अलावा सरप्लस वैक्सीन है, लेकिन वे उसका वितरण नहीं कर रहे हैं। इसके कारण यह टीका बर्बाद हो रहा है। इसके बावजूद अमीर देश, गरीब देशों को टीका देने में कोताही बरत रहे हैं, जिसका खमियाजा दुनिया को देर-सवेर भुगतना पड़ सकता है। अमीर देशों का वैक्सीन राष्ट्रवाद गरीब देशों के लिए मुसीबत बन गया है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि अफ्रीका में ही कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन मिला है, जिसने दुनिया में तबाही मचा रखी है। इससे पहले वीटा वैरिएंट भी दक्षिण अफ्रीका में ही मिला था। कम टीकाकरण के कारण अफ्रीकी देशों में र्हड इम्युनिटी डवलप नहीं हुई है। इस वजह से कोरोना वायरस इंसानी शरीर में लंबे समय तक जीवित रहता है, और खुद को म्यूटेट करता रहता है।
इतना ही नहीं, बीमारी सामने आने और इतना समय बीत जाने के बाद भी गरीब देशों को टीका से जुड़ी समस्या से जूझना पड़े, इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। टीका की कीमत में भी पारदर्शिता की कमी है, जिसके कारण गरीब देशों से अधिक राशि वसूल की जा रही है। इतना ही नहीं, इन देशों के पास टीके के सुरक्षित भंडारण की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, और वहां के नागरिक भी टीका लेने में हिचकिचाहट दिखा रहे हैं। ऐसे में अमीर देशों को चाहिए कि वे इन समस्याओं से पार पाने में गरीब देशों की मदद करें और आगे बढ़ कर नेतृत्व करें।
अगर अमीर देश चाहते हैं कि दुनिया को कोरोना महामारी से छुटकारा मिले तो इसके लिए उन्हें सही रणनीति बनानी होगी और उस योजना पर ठीक से अमल करना पड़ेगा। उन्हें देखना होगा कि गरीब देश टीका वापस क्यों कर रहे हैं। उन्हें समस्या का पता लगाना होगा और उसका समाधान करना होगा और साथ ही भारत जैसे देश से भी सीख लेनी होगी जिसने तमाम समस्याओं और चुनौतियों के बावजूद ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत दुनिया के कई देशों को कोरोना का टीका मुहैया कराया है। यही कारण है कि दुनिया के तमाम देशों, राष्ट्राध्यक्षों और संगठनों ने कोरोना से लड़ाई में भारत की भूमिका की सराहना की है।

चंदन कु. चौधरी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment