क्रिकेट : नये नियमों के साथ वापसी
कोविड-19 का कहर सारी दुनिया की तरह क्रिकेट पर भी पड़ा है और यह पिछले तीन-साढ़े तीन माह से थमी हुई थी।
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पिछले दिनों जर्मन फुटबाल लीग के शुरू हो जाने पर क्रिकेटप्रेमियों को इसके शुरू होने का बेसब्री से इंतजार था। भारत में क्रिकेट को लेकर एक अलग ही दीवानगी है, इसलिए यहां भी इस खेल के शुरू होने का इंतजार किया जा रहा था। अब क्रिकेट शुरू होने जा रहा है तो क्रिकेटप्रेमियों का खुश होना लाजिमी है। यह शुरुआत वेस्ट इंडीज के इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज खेलने के साथ हो रही है।
इस सीरीज के लिए वेस्ट इंडीज टीम इंग्लैंड पहुंच चुकी है। पर कोरोना वाइरस महामारी की वजह से दुनियाभर का माहौल बदला हुआ है, इसलिए अंतरराष्ट़ीय क्रिकेट काउंसिल ने खिलाड़ियों को सुरक्षित रखने के लिए नियमों में कुछ फेरबदल किया है। एक महत्त्वपूर्ण बदलाव तो यह है कि टेस्ट मैच के दौरान यदि किसी खिलाड़ी में कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं, तो टीम उस खिलाड़ी की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को टीम में ले सकती है। पर खिलाड़ी को बदलने का नियम वनडे और टी-20 मैचों में लागू नहीं होगा। वेस्टइंडीज टीम ने इंग्लैंड के दौरे पर रवाना होने से पहले सभी खिलाड़ियों का कोविड टेस्ट कराया और सभी खिलाड़ियों का टेस्ट निगेटिव आने पर उन्हें दौरे पर जाने की अनुमति दी गई है। अब यह खिलाड़ी इंग्लैंड में 14 दिन के क्वारंटीन पर हैं। सीरीज शुरू होने पर एक बार फिर सभी खिलाड़ियों का कोविड टेस्ट किया जाएगा। इस टेस्ट के निगेटिव आने पर ही खिलाड़ियों को टेस्ट में खेलने की अनुमति मिलेगी। किसी टीम के दौरे पर जाने पर उसके कितने कोविड टेस्ट किए जाएं, इस बारे में आईसीसी द्वारा जारी गाइडलाइंस में कोई खुलासा नहीं किया गया है।
असल में हर देश अपने यहां कोविड टेस्ट को लेकर अलग रणनीति को अपना रहा है। आईसीसी ने यह मामला बोडरे के ऊपर छोड़ दिया है। इसलिए क्रिकेट बोर्ड अपनी सरकारों से बात करके नियम बना सकती हैं। टेस्ट मैच के दौरान यदि कोई खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव आ जाता है, तो क्या टीम के साथी खिलाड़ियों को क्वारंटीन करने को लेकर भी आईसीसी के दिशा-निर्देशों में कुछ भी नहीं किया गया है। इस मामले में संबंधित देश में क्या चल रहा है, उस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। अनिल कुंबले की अगुआई वाली क्रिकेट समिति ने गेंद पर लार के उपयोग पर रोक लगाने की सिफारिश की थी, जिसे आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने मंजूर कर लिया है। इस बारे में यह नियम बनाया गया है कि यदि कोई टीम लार का गेंद को चमकाने में इस्तेमाल करती है तो उसे हर पारी में दो बार चेतावनी दी जाएगी और तीसरी बार ऐसा करने पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाएगी। जब कभी गेंद पर लार का उपयोग किया जाएगा तो अंपायर गेंद को साफ करने का निर्देश देगा। साथ ही आईसीसी ने अंपायरों से इस मामले में थोड़े सहज अंदाज में कार्रवाई करने को कहा है, क्योंकि वह जानती है कि गेंद पर लार लगाकर चमकाने की आदत जाने में समय लगेगा। इस बारे में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का कहना है कि टेस्ट मैचों में इस समस्या से बचने के लिए 50 ओवर बाद गेंद बदली जा सकती है। अभी 80 ओवर के बाद गेंद बदलने का नियम है। कोरोना की वजह से आजकल अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में खासी चुनौतियां हैं। इसे ध्यान में रखकर आईसीसी ने अब टेस्ट सीरीज में घरेलू अंपायर रखने का फैसला किया है। यह फैसला घरेलू टेस्ट अंपायरों के लिए तो अच्छा होगा। पर कई देशों के पास अनुभवी अंपायर नहीं होने से टेस्ट मैचों में सही फैसलों को लेकर दिक्कत भी आ सकती है। इसे ध्यान में रखकर अब टेस्ट मैचों में दोनों टीमों को एक अतिरिक्त डीआरएस देने के फैसला किया गया है। यही नहीं इन टेस्ट मैचों में आईसीसी की संचालन टीम फैसले लेने में उनकी मदद करेगी। इलीट पैनल का एक तटस्थ मैच रेफरी वीडियो लिंक से सुनवाई कर सकेगा।
इस महामारी की वजह से टीम प्रायोजकों को नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए आईसीसी ने अगले एक साल तक खिलाड़ी की जर्सी पर आगे एक और लोगो लगाने की छूट दी है। वैसे वेस्टइंडीज की टीम की लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट में अच्छी हालत नहीं है। पर उसकी इंग्लैंड के साथ सीरीज में परिणाम के बहुत मायने नहीं हैं। इस सीरीज पर तो यह निर्भर करेगा कि आने वाले दिनों में क्रिकेट का स्वरूप क्या होगा और उसका मौजूदा माहौल में आयोजन कितना सुरक्षित है। इतना तय है कि इस सीरीज के सफलतापूर्वक हो जाने पर अन्य देशों के बीच सीरीज तो शुरू हो ही सकती हैं, साथ ही आईपीएल के आयोजन की राह भी बन सकती है।
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