आईपीएल : अगले साल तक टलना तय

Last Updated 01 Apr 2020 01:07:56 AM IST

दुनिया पर इस समय कोरोना वाइरस महामारी की जकड़ बनी हुई है। इस महामारी ने साल 2020 के खेल कैलेंडर को झकझोर कर रख दिया है।


आईपीएल : अगले साल तक टलना तय

इसकी वजह से एक के बाद एक प्रमुख खेल प्रतियोगिताएं या तो रद्द हो रही हैं या फिर स्थगित हो रही हैं। इसमें इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक और यूरो फुटबाल चैंपियनशिप के नाम पहले ही शुमार हो चुके हैं। इस साल होने वाला आईपीएल का 13वां संस्करण भी इसकी मार से बचता नजर नहीं आ रहा है।

आईपीएल के इस संस्करण को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 मार्च से शुरू होना था और इसके उद्घाटन मुकाबले में मुंबई इंडियंस को अपने घर में चेन्नई सुपरकिंग्स का मुकाबला करना था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पहले इसे 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया। यह फैसला करते समय बीसीसीआई को लग रहा था कि शायद एक पखवाड़े में हालात सुधर जाएं। पर अब लगता है कि इसका अगले साल तक के लिए टलना तय सा हो गया है। मौजूदा स्थिति यह है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया तीन हफ्ते का लॉक-डाउन 14 अप्रैल तक चलना है। इससे यह तो साफ है कि लॉक-डाउन खत्म होने के अगले ही दिन आईपीएल का शुरू होना किसी भी तरह से संभव नहीं है।

भारत ने 14 अप्रैल तक चलने वाले लॉक-डाउन के दौरान सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोकने के साथ ट्रेनों और बसों के चलने पर भी रोक लगा दी गई है। इसलिए अभी विदेशी खिलाड़ियों को वीजा मिलने की संभावना ना के बराबर है। बिना विदेशी खिलाड़ियों के आईपीएल के आयोजन के कोई मायने नहीं हैं। इसकी एक वजह तो यह है कि विदेशी खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में कुछ टीमों की तो रीढ़ ही टूट जाएगी।

पर यह सब बातें तो तब होंगी जब देश में मैच आयोजित करने लायक हालात होंगे। यह हालात बहुत जल्द तो बनते नजर नहीं आते हैं। यह सही है कि बीसीसीआई ने अभी इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया है पर उसके अंदर से आने वाली खबरों पर यदि भरोसा किया जाए तो इस साल आईपीएल को अगले साल तक के लिए स्थगित करने का फैसला जल्द सुनाया जा सकता है। बहुत संभव है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद बीसीसीआई 15 अप्रैल को आईपीएल फ्रेंचाइजियों की बैठक बुलाए, जिसमें अगले साल तक सत्र को टालने के बारे में फैसला लिया जाए। यह कहा जा रहा है कि अगले साल आईपीएल का आयोजन इस साल वाले सत्र के नाम पर ही होगा। इसके पीछे मकसद यह है कि 2021 में आईपीएल आयोजित होने पर बड़ी नीलामी से बचा जा सके।

असल में अगले साल आईपीएल के लिए बड़ी नीलामी होनी है, इसलिए ऐसे मौके पर ज्यादातर फ्रेंचाइजी कुछ खिलाड़ियों को अपने पास रखकर बाकी को नीलामी में उतार देती हैं। पर साल 2020 में आईपीएल हो नहीं पाएगा तो अगले साल होने वाली नीलामी को भी एक साल टाल दिया जाए। यह व्यवस्था की जा सकती है कि कुछ टीमों को खुछ खिलाड़ी खरीदने होंगे तो वह उन्हें खरीद सकती हैं। आईपीएल को लेकर बीसीसीआई में यह विचार भी बन रहा था कि यदि संभव हो तो जुलाई-अगस्त में 2009 की तरह 30-35 दिनों में इसे खत्म कर दिया जाए। इसके लिए दिन में दो-दो मैच कराए जा सकते थे। ऑस्ट्रेलिया ने इस महामारी पर काबू पाने के लिए छह माह तक यात्रा पर पाबंदी लगा दी है।

इसका सीधा मतलब है कि भारतीय टीम का अक्टूबर में होने वाला ऑस्ट्रेलिया दौरा तो खटाई में पड़ ही रहा है, साथ ही बीसीसीआई यदि आईपीएल इस साल करता है तो उसके खिलाड़ी शायद ही भाग ले पाएं। इंग्लैंड की हालत तो भारत और ऑस्ट्रेलिया दौने के मुकाबले ज्यादा खराब है। इसलिए वहां के खिलाड़ी भाग लेने आ पाएंगे कहना मुश्किल है। बीसीसीआई यदि किसी तरह आईपीएल को इस साल कराने का प्रयास भी करता है, तो वह दर्शकों की समस्या से किस तरह निपटेगा।

यह तो तय है कि जुलाई-अगस्त तक स्थिति पूरी तरह से काबू में शायद ही आ पाए तो इस स्थिति में दर्शकों को स्टेडियम में दूर-दूर पर बैठाना संभव नहीं होगा। बीसीसीआई हो या आईपीएल गवर्निग काउंसिल सभी का पहला मकसद खिलाड़ियों की सुरक्षा है। बीसीसीआई इस बात को अच्छे से जानती है कि इस साल आईपीएल का हो पाना संभव नहीं है। वह पहले सरकार से विदेशी खिलाड़ियों के मामले को क्लियर करना चाहती है और फिर आईपीएल फ्रेंचाइजियों के साथ बैठकर इस संबंध में चर्चा करना चाहती है। असल में बीसीसीआई दिखाना चाहता है कि इसे स्थगित करने का फैसला सबकी सहमति से लिया गया है। पर लगता है इसके स्थगन की सिर्फ घोषणाभर होना बाकी है।

मनोज चतुर्वेदी


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