क्रिकेट वर्ल्ड कप : इंग्लैंड के साथ भारत भी दावेदार
आने वाले दिनों में देश का सारा फोकस इंग्लैंड में 30 मई से होने वाले आईसीसी विश्व कप पर लगने वाला है।
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सबके मन में यह बात चल रही है कि क्या विराट कोहली कपिलदेव और महेंद्र सिंह धोनी की तरह विश्व कप भारत में ला सकेंगे। टीम जिस तरह से पिछले कुछ समय से खेल रही है, उसे देखते हुए उसे खिताब का मजबूत दावेदार माना जा सकता है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग को ऐसा नहीं लगता। वह इंग्लैंड को खिताब का प्रमुख दावेदार मानते हैं। पर यह भी मानते हैं कि इंग्लैंड की दावेदारी को चुनौती देने वाली टीमें भारत और ऑस्ट्रेलिया हैं। सही है कि पाकिस्तान पिछली सीरीज में इंग्लैंड से हार गई लेकिन उनका प्रदर्शन कमजोर नहीं रहा। अन्य टीमों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की चुनौती को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। मुझे लगता है कि इस बार वेस्ट इंडीज टीम में हैरत में डालने की क्षमता है। इसके पास ज्यादा विस्फोटक बल्लेबाज हैं। क्रिस गेल, आंद्रे रसेल, हिटमायेर और निकलस पूरन किसी मैच में चल गए तो सामने वाली टीम की शामत आने से कोई नहीं रोक सकता। इस टीम की दिक्कत टीम के रूप में प्रदर्शन करने की है। अफगानिस्तान की टीम भी ऐसी है कि अपना दिन होने पर किसी भी टीम की हुलिया बिगाड़ सकती है।
विराट की अगुआई वाली टीम इंडिया के चैंपियन बनने की संभावनाओं को टटोलें तो यह सामने आती है कि टीम के पहले तीन बल्लेबाजों के चले बिना टीम का चैंपियन बनना संभव नहीं है। ये बल्लेबाज हैं-दोनों ओपनर रोहित शर्मा और शिखर धवन के अलावा नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने वाले कप्तान विराट कोहली हैं। इसलिए हर टीम इन तीनों टीमों को रोकने की रणनीति के साथ उतरेगी। ये तीनों ऐसी क्षमता वाले बल्लेबाज हैं कि किसी भी रणनीति को धता बताने का माद्दा रखते हैं। रोहित और शिखर की ओपनिग जोड़ी की बात करें तो यह देश की दूसरी सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी है। इस जोड़ी ने पिछले छह सालों में 101 पारियों में 45.41 की औसत से 4541 रन बनाए हैं। अब तक 15 शतकीय और 13 अर्धशतकीय साझेदारियां बनाई हैं। विराट की जहां तक बात है तो वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार हैं। विराट ने जिस रफ्तार के साथ वनडे में 41 शतक लगाए हैं, उससे साफ है कि सचिन तेंदुलकर का इस प्रारूप में 49 शतकों का रिकॉर्ड कुछ ही समय में टूटता दिख सकता है। विराट 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल थे। लेकिन अब उनके पास विश्व कप जीतने वालों में नाम शुमार कराने का मौका है। टीम इंडिया की बल्लेबाजी में तड़का लगाने वाले हार्दिक पांडय़ा और महेंद्र सिंह धोनी हैं। दोनों को टीम का एक्स फैक्टर भी माना जा सकता है। आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाने की जरूरत पड़ेगी तो हार्दिक और धोनी की जोड़ी ही काम आने वाली है। हार्दिक तो कभी-कभी इतनी तेजी से रन बनाते हैं कि गेंदबाज की समझ में आना बंद हो जाता है कि गेंद को डालें तो कहां। वह तीसरे या चौथे पेस गेंदबाज की भूमिका को बखूबी निभाते हैं। तेजतर्रार फील्डर भी हैं। धोनी के तो कहने ही क्या। उनका अनुभव बहुत काम आने वाला है। वह आजकल आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी भी कर रहे हैं। वह विकेट पर हैं तो टीम के लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद की जा सकती है। सही मायनों में दोनों को गेम चेंजर माना जा सकता है। लोकेश राहुल और केदार जाधव भी क्षमतावान बल्लेबाज हैं। इस सबको देखकर टीम इंडिया की बल्लेबाजी तो चैंपियनों वाली नजर आती है।
पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ को लगता है कि टीम इंडिया की जान उसका गेंदबाजी है। द्रविड़ ने कहा,‘..मेरे हिसाब से गेंदबाजी इस विश्व कप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। जो टीम ज्यादा अच्छी गेंदबाजी करेगी, वह जीत के करीब नजर आएगी। मेरे विचार में यह बड़े स्कोरों वाला विश्व कप होगा, इसलिए मध्य के ओवरों में गेंदबाजों का विकेट निकालना महत्त्वपूर्ण होगा। इस मामले में मुझे भारतीय टीम भाग्यशाली लगती है। बुमराह, कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल ऐसे गेंदबाज हैं, जो विकेट निकालना जानते हैं।..इस तिकड़ी के साथ भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी की मौजूदगी गेंदबाजी अटैक को दमदार बनाएगी। भुवनेश्वर स्विंग वाले हालात में बल्लेबाजों का खेलना मुश्किल कर सकते हैं। बल्लेबाज को खुलकर खेलने की छूट नहीं देते हैं। वहीं मोहम्मद शमी ने आईपीएल के पिछले सत्र के दौरान अपनी गेंदबाजी को छोटे प्रारूप के अनुसार बनाकर सफलताएं पाना शुरू कर दिया है। इसलिए यह अटैक विजेता बनाने वाला साबित हो सकता है।
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