चिंतन : विद्वतापूर्ण समाज बनाएं

Last Updated 29 Jan 2017 03:26:42 AM IST

युवा तेजस्वी मनों की देश को महान बनाने की अभिलाषाएं स्पष्ट हैं. यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि भारत में ऐसे करोड़ोें युवा मस्तिष्क हैं.


एपीजे अब्दुल कलाम, लेखक (File photo)

यह एक विशाल शक्ति है, जिसे रचनात्मक रूप से भारत को एक विकसित देश बनाने के एकमात्र लक्ष्य की ओर उन्मुख किए जाने की आवश्यकता है. युवाओं की तरह भारत का प्रत्येक नागरिक एक खुशहाल, संपन्न, शांतिपूर्ण तथा सुरक्षित भारत में रहना चाहेगा. मैंने मरु स्थलों, पहाड़ों, समुद्र-तटों, वनों तथा मैदानों में अपने देश का सौंदर्य देखा है. भारत में एक समृद्ध सभ्यता, विरासत, संसाधन व प्रतिभाशाली कार्यशक्ति है, और सबसे ऊपर एक ज्ञानी समाज के उद्भव के कारण अंतर्निहित शक्ति है.

अब भी हमारी जनसंख्या का 33 प्रतिशत भाग गरीबी रेखा के नीचे है, और अशिक्षा तथा बड़े पैमाने पर बेरोजगारी कायम है. इन समस्याओं के समाधान की अनिवार्यता के साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ाना जरूरी है. संसाधनों तथा मानव-शक्ति के प्रभावी प्रबंधन द्वारा यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. हाल के वर्षो में जीवन-स्तर को बेहतर बनाने में प्रौद्योगिकी ने एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. प्रौद्योगिकी एक ऐसा इंजन है, जिसमें देश को विकास तथा संपन्नता की ओर ले जाने और राष्ट्रों के समूह में उसे आवश्यक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ उपलब्ध कराने की क्षमता है. इस प्रकार भारत को एक विकसित देश में बदलने में प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका है.

अब समाज के सभी वर्गों, विशेषकर युवाओं तथा बच्चों, में एक विकसित भारत में रहने तथा उसके लिए कार्य करने की भावना उत्पन्न हुई है. यहां तक कि विदेशों में रह रहे भारतीय परिवारों ने भी भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य में हिस्सा लेने की इच्छा अभिव्यक्त की है. जब हम भारत में रॉकेट, प्रक्षेपण यान, मिसाइल प्रणालियां तथा संबंधित प्रौद्योगिकियां विकसित कर रहे थे, तो कई कारणों से विकसित विश्व ने हमें प्रौद्योगिकी प्रदान करने से इनकार कर दिया. इसने युवा मस्तिष्कों को चुनौती देने का काम किया. प्रौद्योगिकी न मिलने पर प्रौद्योगिकी प्राप्त की जाती है.

आज भारत के पास प्रक्षेपण यानों, मिसाइलों तथा वायुयानों के सिस्टम डिजाइन, सिस्टम इंजीनियरिंग, सिस्टम इंटीग्रेशन तथा सिस्टम मैनेजमेंट की योग्यता और महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास की क्षमता है. स्कूल एवं कॉलेज विद्यार्थियों को दिए गए भाषणों तथा वार्ताओं में युवाओं की भागीदारी विलक्षण तथा विचारोत्तेजक रही है. भारत के युवाओं के साथ इन विचार-विमशरे ने ही हमें भारत को विकसित देश बनाने के स्वप्न तथा अपने अनुभवों को बांटने के लिए प्रेरित किया. भारत के पास प्रयोजन-लक्षित कार्यक्रमों के प्रबंधन के कई सफल अनुभव रहे हैं. हम प्रौद्योगिकी के महत्त्व तथा नीतियों के निर्माण और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में उसकी भूमिका को मान्यता देते हैं.

आज के समय में अनुकूल एक उपयुक्त वातावरण के निर्माण तथा भारत को ऐसे विद्वत्तापूर्ण समाज में रूपांतरित करने की आवश्यकता है. संसाधनों तथा युवाओं की क्षमता के सदुपयोग के लिए रचनात्मक नेतृत्व अनिवार्य है. भारत को ऐसे विकसित राष्ट्र बनाने के समान लक्ष्य की ओर एक अरब लोगों के विचारों तथा कार्यों को समन्वित करना वास्तव में आज की महती और अनिवार्य आवश्यकता है.
(‘मेरे सपनों का भारत’ से साभार)



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