विदेश में भी सूचीबद्ध होंगी भारतीय कंपनियां

Last Updated 29 Jul 2023 07:38:10 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirma Sitharaman) ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कंपनियां अब विदेशी शेयर बाजारों के साथ ही अहमदाबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) पर सीधे सूचीबद्ध हो सकेंगी।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

सरकार ने इस संबंध में कोविड राहत पैकेज के तहत घोषणा की थी, लेकिन इस संबंध में नियमों को अभी अधिसूचित किया जाना है। इसके जरिए घरेलू कंपनियों को विदेश में विभिन्न शेयर बाजारों पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करके धन जुटाने में मदद मिलेगी।

इस संबंध में एक प्रस्ताव पहली बार मई 2020 में महामारी के दौरान घोषित नकदी पैकेज के तहत पेश किया गया था।

सीतारमण ने यहां कहा, ‘‘घरेलू कंपनियां अब विदेश में प्रतिभूतियों को प्रत्यक्ष रूप से सूचीबद्ध कर सकती हैं। मुझे यह घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है कि सरकार ने आईएफएससी एक्सचेंज पर सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की प्रत्यक्ष सूचीबद्धता को मंजूरी देने का भी फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा कदम है और इससे भारतीय कंपनियों को बेहतर मूल्यांकन की सुविधा और वैश्विक पूंजी तक पहुंच मिलेगी।

वह कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को मजबूत करने में मदद के लिए एएमसी रेपो निपटान और कॉरपोरेट ऋण बाजार विकास कोष की शुरुआत के मौके पर एक कार्यक्रम में बोल रही थीं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारतीय कंपनियों की सीधे विदेश में सूचीबद्ध करने के नियम कुछ हफ्तों में अधिसूचित किए जाएंगे।

अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में भारतीय कंपनियों को आईएफएससी पर सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाएगी और बाद में उन्हें सात या आठ देशों में इसकी अनुमति दी जाएगी।

यह कदम कॉरपोरेट ऋण बाजारों में म्यूचुअल फंड और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के साथ ही कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार की नकदी में सुधार लाने के लिए है। एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट सीडीएमडीएफ (कॉरपोरेट ऋण बाजार विकास कोष) के निवेश प्रबंधक के रूप में काम करेगा।

सेबी ने एनवाईएसई, नैस्डैक, एलएसई और हांगकांग के साथ ही जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैंड और कनाडा के शेयर बाजार में देश कंपनियों को सूचीबद्ध होने का प्रस्ताव दिया था, जहां धनशोधन के लिए सख्त नियम हैं।

भाषा
मुंबई


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