ICICI Bank-Videocon Loan Case: जेल से रिहा हुए चंदा कोचर और दीपक कोचर, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिए थे आदेश

Last Updated 10 Jan 2023 12:18:46 PM IST

ऋण धोखाधड़ी मामले में जमानत मिलने के बाद आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।


बंबई उच्च न्यायालय ने ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में कोचर दंपति को सोमवार को अंतरिम जमानत दे दी थी।

अधिकारी ने बताया कि चंदा कोचर मुंबई के बायकुला महिला कारागार से बाहर आईं, जबकि उनके पति को आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया।

सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के ऋण धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था।

दंपति ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और मनमाना बताते हुए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था।

अदालत ने जमानत देते हुए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं गई।

सीबीआई ने कोचर दंपति, दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।

प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।

 

भाषा
मुंबई


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